अपडेटेड 20:45 IST, July 10th 2024
'मुसलमान को हिन्दू के बराबर आने में 2 हजार साल लगेंगे... RSS डरा रहा है', सपा नेता एसटी हसन का बयान
सपा नेता एसटी हसन ने कहा कि RSS पिछले 70 साल से हिन्दू भाइयों को डरा रही है। ये कहकर कि 50 साल बाद मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे।

समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने कहा है कि अगर देश के मुसलमान फैमिली प्लानिंग ना करें और सारे हिन्दू भाई फैमिली प्लानिंग करें तो मुसलमान को हिन्दू भाई के बराबर में आने के लिए 2 हजार साल लगेंगे।
सपा नेता एसटी हसन ने कहा कि RSS पिछले 70 साल से हिन्दू भाइयों को डरा रही है। ये कहकर कि 50 साल बाद मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे। चार-पांच प्रदेशों में चुनाव होने जा रहे हैं, ये एक राजनीतिक बयान हैं। अभी तक तो मुसलमान बहुसंख्यक हुए नहीं, 76 साल हो चुके हैं।
आबादी का ताल्लुक अशिक्षा और गरीबी से है, किसी धर्म से नहीं- एसटी हसन
एसटी हसन ने कहा कि मुस्लमानों का फर्टिलिटी रेट भी कम हो रहा है। आबादी का ताल्लुक अशिक्षा और गरीबी से है, किसी धर्म से नहीं है। हर धर्म में जो अशिक्षित हैं, गरीब हैं, उनके यहां बच्चे ज्यादा पैदा होते हैं। ये सब भड़काने वाली बातें हैं, बड़ी आबादी कोई अभिशाप नहीं है, बड़ी आबादी हमारे देश की एसेट है।
सरकार प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित करें, आबादी कंट्रोल में आ जाएगी- एसटी हसन
उन्होंने कहा कि आज जो हमें इतनी बड़ी इकनॉमी पर आए हैं, ये आबादी की वजह से है। करोड़ों ब्रेन, हाथ-पैर हमारे काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से हम तरक्की कर रहे, आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन अब सेचुरेशन है, अब रिसोर्स और आबादी में डिस्पेरिटी ना हो जाए, उसके लिए जरूरी है सरकार प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित करें, आबादी कंट्रोल में आ जाएगी।
मुस्लमान को हिन्दू भाई के बराबर में आने के लिए 2 हजार साल लगेंगे- एसटी हसन
सपा नेता ने कहा कि एक स्टडी के अनुसार अगर देश के मुसलमान फैमिली प्लानिंग ना करें और सारे हिन्दू भाई फैमिली प्लानिंग करें तो मुस्लमान को हिन्दू भाई के बराबर में आने के लिए 2 हजार साल लगेंगे। 2 हजार साल किसने देखें हैं, उस वक्त तक कौन जी रहा है, कौन मर रहा है, दुनिया कहां होगी, कुछ पता नहीं। सबसे ज्यादा गरीब और अशिक्षत मुस्लिम लोग हैं, क्योंकि वो गरीब हैं, इसलिए शिक्षित नहीं हैं। सरकार की जिम्मेदारी हैं उनको अच्छी शिक्षा दिलाएं, आबादी अपने आप कंट्रोल हो जाएगी। हर धर्म के लोग, जहां गरीबी है, अशिक्षा है, उनके घरों में बच्चे ज्यादा हैं।
पब्लिश्ड 20:45 IST, July 10th 2024