अपडेटेड 16 March 2025 at 15:25 IST
MP: भीड़ के हमले में पुलिसकर्मी की मौत, CM ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में एक व्यक्ति को बचाने गए एएसआई की मौत की घटना के एक दिन बाद रविवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में एक व्यक्ति को बचाने गए एएसआई की मौत की घटना के एक दिन बाद रविवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। अधिकारियों ने पूर्व में बताया था कि मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार को आदिवासियों के एक समूह ने कथित तौर पर अपह्रत व्यक्ति को बचाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया था जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि समूह ने अपह्रत व्यक्ति की भी हत्या कर दी थी।
सूत्रों ने बताया कि कोल जनजाति के लोगों ने शनिवार को सनी द्विवेदी नामक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था, उन लोगों को संदेह था कि द्विवेदी ने कुछ महीने पहले अशोक कुमार नाम के एक आदिवासी की हत्या की थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार कुमार की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी। द्विवेदी के अपहरण की सूचना मिलने पर एक टीम उसे बचाने के लिए गदरा गांव पहुंची। पुलिस ने बताया कि लेकिन उस समय तक द्विवेदी की एक कमरे में कथित तौर पर पिटाई के बाद मौत हो चुकी थी। पुलिस के मुताबिक, जब पुलिसकर्मियों ने कमरा खोला तो आदिवासियों के एक समूह ने उन पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया, जिससे कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
एक अधिकारी ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाया गया जहां विशेष सशस्त्र बल के एएसआई रामचरण गौतम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, 'मऊगंज में कल जो हुआ वह दुखद है। एक एएसआई की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। स्थिति नियंत्रण में है और मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है। मुझे उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।’’ गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे यादव ने एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने इस अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गदरा गांव में दो गुटों के बीच विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम, एसएचओ, तहसीलदार पर हुए दुर्भाग्यपूर्ण हमले की जवाबी कार्रवाई में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि घटना में घायल अन्य पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए रीवा के अस्पताल भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में धारा 163 (बीएनएसएस) लागू कर दी गई और डीआईजी (उप महानिरीक्षक) रीवा, एसपी (पुलिस अधीक्षक) मऊगंज और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
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यादव ने कहा, ‘‘रीवा जोन के एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक) घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। मैंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी घटनास्थल पर पहुंचकर (क्षेत्र में स्थिति का) निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।’’ इस बीच कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के मंडला जिले में हाल ही में नक्सल विरोधी अभियान में मारा गया व्यक्ति निर्दोष आदिवासी था न कि कोई माओवादी। पटवारी ने कहा कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि पुलिस ने इंदौर में कुछ वकीलों के साथ मारपीट की है और अगले ही दिन वहां वकीलों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ पुलिस ने मऊगंज में आदिवासियों पर अत्याचार किया, जिसके जवाब में आदिवासियों ने पुलिस पर हमला कर दिया।’’ पटवारी ने कहा, ‘मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। गृह मंत्री पूरी तरह विफल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री को देखना चाहिए... अगर पिछले एक-दो दिन में पांच जगहों पर पुलिस पर हमला हुआ है, तो कानून व्यवस्था कहां है?’
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 16 March 2025 at 15:25 IST