अपडेटेड 10 February 2024 at 10:58 IST
सबसे ज्यादा आपराधिक आरोपों वाले PM पी वी नरसिम्हा राव को भारत रत्न,जानिए मोदी सरकार ने क्यों चुना?
Bharat Ratna to PV Narsimha Rao : पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को उनके निधन के 19 सालों के बाद भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया है।
- भारत
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PV Narasimha Rao Nominated for Bharat Ratna : पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया है। भारतीय सियासत में पीवी नरसिम्हा राव वो प्रधानमंत्री रहें हैं जिनके ऊपर कई आपराधिक आरोप लगाए गए थे। इसक अलावा कई ऐसे फैसले भी पीवी नरसिम्हा राव ने लिए थे जिसके भविष्य में बेहतरीन परिणाम देखे जा रहे थे और इसका असर भी आगे चलकर दिखाई दिया।
पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को देश के विद्वान और राजनीतिक चाणक्य के रूप में देखा जाता है। राव के निधन के 19 सालों के बाद भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा है। नरसिम्हा राव साल 1991 से लेकर 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 90 के दशक में जब देश आर्थिक भंवर में फंसा था तब नरसिम्हा राव ने ही देश को इससे उबारा था,वो दक्षिण भारत के राज्यों से देश के पहले प्रधानमंत्री थे।
पहली बार नेहरू काल और समाजवाद से हटकर उठाया कदम
90 के दशक में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ही वो प्रधानमंत्री थे जिनके कार्यकाल में अयोध्या का विवादित बाबरी ढांचा ढहाया गया। इस घटना के बाद देश एक नए आर्थिक मार्ग पर निकला जो कि तब तक की सियासत नेहरू काल और समाजवाद के रास्तों से इतर हटकर था। इस दौरान देश में भगवा ताकतें उभरकर सामने आई और देश एक नए रास्ते पर चल पड़ा जिसके दूरगामी परिणाम आज देखे जा सकते हैं। बाबरी विध्वंस के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक विद्वता का परिचय देते हुए मौलवियों को उर्दू में समझाया बुझाया था।
इस वजह से कहे गए बीजेपी का पहला प्रधानमंत्री
इस घटना के बाद पीवी नरसिम्हा राव ने पीएम आवास पर ही प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी भगवत गीता के श्लोकों से संबोधित किया था। पीवी नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री बनने से एक दिन पहले इस बात का ऐलान किया था कि वो एक प्रभावशाली व्यक्ति की तरह महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर सहित कई नेताओं ने उन्हें बीजेपी का पहला प्रधानमंत्री तक कहा गया था। वहीं बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रे पर आरोप लगाया कि राव को उनकी ही पार्टी ने अस्वीकार कर दिया था।
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साल 1991 में नहीं लड़ा चुनाव फिर भी बने पीएम
ऐसा कहा जाता है कि साल 1991 में राव सियासत से संन्यास लेने की कगार पर थे इस वजह से उन्होंने 1991 का चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि उनके सितारे कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे। 21 मई 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई और राव को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। जिसके बाद चुनाव में जीत के साथ ही वो प्रधानमंत्री भी बन गए। अल्पमत वाली सरकार को भी ने पांच साल पूरा चलाकर दिखाया वहीं उनकी इस काबिलियत पर विपक्ष तंज कसता रहा कि उन्होंने बहुमत संदिग्ध तरीके से हासिल की है।
पहले प्रधानमंत्री जिसने आपराधिक आरोपों का सामना किया
कम लोगों को मालूम होगा कि पीवी नरसिम्हा राव देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने जिसने सबसे ज्यादा आपराधिक मामलों का सामना किया हालांकि वो इन सभी मामलों से बरी भी हो गए थे। इसमें सबसे चर्चित विवादास्पद मामला तांत्रिक चंद्रास्वामी को लेकर था जब उनकी संलिप्तता वाला लक्खूभाई पाठक धोखाधड़ी मामला शामिल थे। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद रिश्वत कांड और सेंट किट्स फर्जीवाड़ा मामले में भी उनका नाम घसीटा गया था। हवाला कांड में नाम आने के बाद वो अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए थे।
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मनमोहन सिंह के साथ मिलकर देश को आर्थिक संकट से उबारा
नरसिम्हा राव ने तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिलकर 90 के दशक में देश को आर्थिक संकट से उबारा था। इन दोनों की जोड़ी ने देश को गंभीर विदेशी मुद्रा संकट से मुक्ति दिलाई थी। इस कार्यकाल में साल 1993 में देश में एक और सनसनीखेज घोटाला हुआ जिसे हर्षद मेहता कांड के नाम से जाना जाता है। उन पर आरोप लगा था कि हर्षद मेहता राव के घर रूपयों से भरा सूटकेस भेजा था। जिसके बाद कांग्रेस को अगले चुनाव 1996 में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 10 February 2024 at 10:58 IST