अपडेटेड 10 January 2025 at 16:34 IST
क्या है वो कड़ी जिसने PM मोदी और शी जिनपिंग को एक सूत्र में जोड़ा... उस डोर को पकड़ भारत चले आए थे चीनी राष्ट्रपति
PM मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपने स्पेशल रिश्ते का जिक्र किया है। बताया कि इसी कनेक्शन के चलते जिनपिंग ने गुजरात दौरे की इच्छा जताई थी।
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PM Narendra Modi: 18 सितंबर 2014 को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के गुजरात दौरे पर गए थे। उसके ठीक 5 महीने पहले 26 मई 2014 को गुजरात से आने वाले नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। ऐसे में शी जिनपिंग का गुजरात दौरा अपने आप में एक कड़ी बनाता है। ये वो कड़ी थी, जिसके सूत्र में पहले से ही पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जुड़े हुए थे और इसी कड़ी को पकड़कर वो गुजरात दौरे पर चले गए थे। शुक्रवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग के साथ अपने उस 'स्पेशल रिश्ते' का जिक्र किया है।
निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी अपने बचपन की यादें और पुराने किस्से साझा कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपने खास कनेक्शन का खुलासा किया और बताया कि इसी कनेक्शन के चलते पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने गुजरात दौरे की इच्छा जताई थी। असल में इन दोनों नेताओं को जोड़ने वाली कड़ी चायनीज फिलॉस्फर ह्वेनत्सांग (Xuanzang) थे।
PM मोदी ने बताया जिनपिंग संग कौन सा स्पेशल नाता?
पॉडकास्ट इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी बताते हैं- 'मैंने कहीं पढ़ा था कि चायनीज फिलॉस्फर ह्वेनत्सांग मेरे गांव में रहे थे। 2014 में जब मैं प्रधानमंत्री बना तो स्वभाविक दुनिया के लीडर्स 'कर्ट्सी कॉल' करते हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी 'कर्ट्सी कॉल' लिया। उन्होंने मुझे प्रधानमंत्री बनने की बधाई दी थी और उसके अलावा भी कुछ बातें हुई थीं। इसी समय जिनपिंग ने खुद कहा कि मैं भारत आना चाहता हूं तो मैंने जवाब में कहा कि आपका स्वागत है, जरूर आइए।'
पीएम मोदी बताते हैं कि शी जिनपिंग ने भारत दौरे से समय गुजरात आने की इच्छा जताई थी। जिनपिंग ने कहा कि मैं गुजरात जाना चाहता हूं। मैं गुजरात में आपके (नरेंद्र मोदी) गांव वडनगर जाना चाहता हूं। मोदी ने बताया कि मैं उस पर उनसे पूछा था कि क्या बात है। आपने यहां तक का कार्यक्रम बना दिया है। जिनपिंग ने मुझसे कहा कि तुमको मालूम नहीं है क्यों? तो मैंने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद शी जिनपिंग ने कहा कि मेरा और तुम्हारा एक स्पेशल नाता है- वो ये कि चायनीज फिलॉस्फर ह्वेनत्सांग सबसे ज्यादा आपके गांव में रहा था, लेकिन जब वो चीन वापस आया था तब वो मेरे गांव में रहा था। इसलिए हम दोनों का ये स्पेशल नाता है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 10 January 2025 at 16:33 IST