अपडेटेड 26 February 2024 at 18:21 IST
'उनका जाना संगीत जगत में खालीपन...' पंकज उधास के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख
गजल की दुनिया के बेताज बादशाह पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया, पीएम नरेंद्र मोदी मे उनके निधन पर दुख जताया।
- भारत
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Pankaj Udhas Death : गजल की दुनिया के बेताज बादशाह पंकज उधास का लंबी बीमारी के कारण 72 साल की उम्र में निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पंकज उधास के निधन पर दुख जताया है।
पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "पंकज उधास के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनकी गायकी कई तरह की भावनाओं को व्यक्त करती थी और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं। वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं। मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीतें याद हैं। उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। शांति।
पंकज उधास को फैंस ने दी श्रद्धांजलि
पंकज उधास के निधन की खबर उनकी बेटी नायाब ने इंस्टाग्राम पर शेयर करते ही फैंस के बीच शोक की लहर दौड़ गई। पंकज के निधन पर एक फैंस ने लिखा, "इस खबर से बहुत दुख हुआ। विश्वास नहीं हो रहा। सबसे दयालु और प्यारे पंकज उधास जी! ईश्वर आपको और परिवार को कठिन समय में शक्ति दे। एक और फैन ने लिखा "सुनकर बहुत बुरा लगा, बहुत दुखद खबर। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुख की घड़ी में भगवान आपको और आपके परिवार को इस अपूरणीय क्षति से निपटने की शक्ति दे।"
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कौन थे पंकज उदास?
अपने चार दशकों के करियर में दिवंगत गायक ने 'चिट्ठी आई है' और 'जीये तो जीयें कैसे' जैसे सदाबहार फिल्मी गानों में अपनी आवाज दी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में आहट नामक एक गजल एल्बम के रिलीज के साथ की और उसके बाद 1981 में मुकर्रर, 1982 में तरन्नुम, 1983 में महफिल, 1984 में रॉयल अल्बर्ट हॉल में पंकज उदास लाइव, 1985 में नायाब और 1986 में आफरीन जैसी कई हिट फिल्में के गाने रिकॉर्ड कीं। 2006 में, पंकज उधास को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 26 February 2024 at 18:09 IST