अपडेटेड 22 May 2025 at 07:28 IST

बीकानेर का वो अनोखा मंदिर जहां रहते हैं 25 हजार चूहे, मिलता है इनका झूठा प्रसाद... आज PM मोदी करेंगे यहां दर्शन, जानिए मान्यता

मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि अगर किसी को यहां सफेद चूहा दिख जाए तो उसकी किस्मत चमकने वाली है। दर्शन के समय सफेद चूहा देखने पर माना जाता है कि उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होने वाली हैं और कष्ट दूर होते हैं।

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Bikaner Karni Mata Temple
Bikaner Karni Mata Temple | Image: X

Rajasthan Bikaner Karni Mata Temple: राजस्थान के बीकानेर में करणी माता मंदिर लोगों के लिए रहस्य और आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर अपने आप में बेहद ही अनोखा हैं। इसे चूहों को मंदिर भी कहते हैं। यहां हजारों की संख्या में चूहे निवास करते हैं और चूहों का ही झूठा प्रसाद बांटा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (22 मई) को इसी मंदिर में दर्शन करने जा रहे हैं। आइए ऐसे में जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातें...

PM मोदी गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर के दौरे पर रहेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वे सुबह ही सबसे पहले बीकानेर बॉर्डर पर स्थित करणी माता मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे।

चूहों वाले मंदिर के नाम से मशहूर

करणी माता मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, रहस्य और चमत्कारों का अनोखा संगम है। बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर देशनोक नामक कस्बे में स्थित यह मंदिर 'चूहों वाले मंदिर' के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर को लेकर बताया जाता है कि यहां 25 हजार से ज्यादा चूहे निवास करते हैं, जिन्हें श्रद्धालु 'काबा' कहकर पूजा करते हैं।

इतिहास और मान्यता

जान लें कि करणी माता को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि करणी माता ने विवाह के बाद सांसरिक मोह को त्याग कर गुफा में तपस्या की। उन्होंने 100 सालों तक कठोर तप किया और 150 सालों तक जीवित रहीं। वे बीकानेर और जोधपुर राजघरानों की कुलदेवी भी हैं। इस मंदिर का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। मंदिर पूरी तरह से संगमरमर से बना है।

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सफेद चूहे देखने से चमक जाती है किस्मत

मंदिर में सफेद और काले चूहे दोनों रहते हैं। मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि अगर किसी को यहां सफेद चूहा दिख जाए तो उसकी किस्मत चमकने वाली है। दर्शन के समय सफेद चूहा देखने पर माना जाता है कि उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होने वाली हैं और कष्ट दूर होते हैं।

मंदिर का प्रसाद भी पहले चूहों के सामने रखा जाता है। पहले इसे चूहे चखते हैं और फिर चूहों का झूठा प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है। हर साल नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु  दर्शन के लिए आते हैं। 

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 22 May 2025 at 07:28 IST