अपडेटेड 29 September 2023 at 17:42 IST
Pitru Paksha: आज से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, जानें तर्पण की सही विधि और प्रार्थना मंत्र?
पितृ पक्ष में पितरों की आत्म तृप्ति के लिए श्रद्धा कर्म किया है, लेकिन अगर आप पहली बार श्राद्ध करने जा रहे हैं, तो तर्पण की सही विधि और प्रार्थना मंत्र जरुर जान लें।
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Pitru Paksha Tarpan Ki Sahi Vidhi: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बेहद ही खास महत्व माना जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। मान्यता है कि मृतक का श्राद्ध या तर्पण न किया जाए तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती और जीवन में पितृ दोष लगने से कई परेशानियां भी पैदा हो सकती हैं। ऐसे में पितरों का तर्पण या श्राद्ध करना बेहद जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष और तर्पण की सही विधि क्या है?
स्टोरी में आगे ये पढ़ें....
- कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष?
- पितृ पक्ष में कैसे करें पितरों का तर्पण?
- पितरों को खुश करने के लिए कैसे करें प्रार्थना?
कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष?
हिंदी पंचांग के मुताबिक, पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर दिन शुक्रवार से हो रहा है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। पूर्वजों को समर्पित यह विशेष समय भादो मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर अश्विन माह की अमावस्या तक चलता है। यह 15 दिनों की अवधि पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष कहलाती है।
पितृ पक्ष में कैसे करें पितरों का तर्पण?
- श्राद्ध या तर्पण करने आपको अपने पूर्वजों की मृत्यु की सही तिथि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि जिस तिथि को माता-पिता, दादा-दादी या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो उस तिथि पर ही उस व्यक्ति का तर्पण या श्राद्ध किया जाता है।
- तर्पण के समय सबसे पहले देवों के लिए तर्पण करें।
- इसके लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए। तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे संतुष्ट हों और आपको आशीर्वाद दें।
- जब आप देवताओं के लिए तर्पण करें तो उस समय आप पूर्व दिशा में मुख करके कुश लेकर अक्षत् से तर्पण करें।
- इसके बाद जौ और कुश लेकर ऋषियों के लिए तर्पण करें।
- फिर उत्तर दिशा में अपना मुख कर लें। जौ और कुश से मानव तर्पण करें।
- सबसे अंत में दक्षिण दिशा में मुख कर लें और काले तिल व कुश से पितरों का तर्पण करें।
पितरों को खुश करने के लिए कैसे करें प्रार्थना?
1. ॐ नमो व :पितरो रसाय नमो व:
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।
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2. पितृभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
पितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
प्रपितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
सर्व पितृभ्यो श्र्द्ध्या नमो नम:।।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 29 September 2023 at 17:42 IST