अपडेटेड 11 December 2024 at 18:44 IST

चलते फिरते लोगों को क्यों आ रहा हार्ट अटैक, कोरोना वैक्सीन नहीं जिम्मेदार; रिसर्च में सामने आई वजह

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ICMR की स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि बीते कुछ सालों में सडेन डेथ के लिए कोविड वैस्सीन नहीं बल्कि अन्य कराण जिम्मेदार हैं।

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5 Factors of Sudden Death
5 Factors of Sudden Death | Image: AI

5 Factors of Sudden Death: कोरोना महामारी के बाद देश में सडेन डेथ की संख्या में अचानक वृद्धि को लेकर कई दावे किए गए थे, जिसमें कुछ लोगों ने इन मौतों के लिए कोविड वैक्सीन को भी जिम्मेदार ठहराया था। सडेन डेथ पर उठे सवालों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में बयान देते हुए बताया कि ICMR की स्टडी के अनुसार कोरोना वैक्सीन लगवाने से भारत में युवाओं और वयस्कों में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है।

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ICMR की स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि बीते कुछ सालों में सडेन डेथ के लिए कोविड वैस्सीन नहीं बल्कि अन्य कराण जिम्मेदार हैं। मंगलवार (10 दिसंबर) को राज्यसभा में जेपी नड्डा ने एक लिखित जवाब में कहा कि कोविड वैक्सीन से युवाओं की मौतों का से कोई संबंध नहीं है। इससे इतर उनका तो यह कहना है कि ICMR की स्टडी से यह मालूम चलता है कि वैक्सीन वास्तव में ऐसी मौतों की संभावना को कम करता है।

ICMR ने स्टडी से क्या चला पता?

इसमें बताया गया कि मई-अगस्त के महीनों में देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक स्टडी हुई। स्टडी में अचानक मौत के कुल 729 मामले के सैंपल लिए गए। इसके अलावा 2916 सैंपल ऐसे भी थे, जिन्हें हार्ट अटैक आने के बाद बचाया गया। स्टडी में 18-45 वर्ष की उम्र के उन लोगों को शामिल किया, जिनकी स्वस्थ होने के बाद भी 1 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई। इस स्टडी के जरिए यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक या दो खुराक लेने से बिना किसी कारण के अचानक मृत्यु की संभावना कम होती है।

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गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। ब्लड क्लोटिंग जैसे साइड इफेक्ट् के चलते एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि यह सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए दायर की गई है।

भारत में कौन-कौन सी वैक्सीन का हुआ इस्तेमाल?

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कोविशील्ड: भारत में कोरोना महामारी के दौराव बचाव के लिए सबसे ज्यादा कोविशील्ड वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया। ये वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई थी और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसे निर्मित किया।  

कोवैकेसीन: कोवैकेसीन एक स्वदेशी वैक्सीन है, जिसका निर्माण भारत बायोटेक द्वारा किया गया। भारत में कोविशील्ड के बाद कोवैकेसीन के टीके सबसे ज्यादा लगाए गए हैं।

स्पुतनिक-V: कोविशील्ड और कोवैकेसीन के अलावा भारत में रूस की बनी स्पुतनिक-V वैक्सीन भी लगाई गई है। यह एक वायरल वैक्टर वैक्सीन है।

कैसे काम करती है कोविड वैक्सीन?

कोविड वैक्सीन एक ऐसी दवाई है जो हमारे शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित करने में मदद करती है। यह हमारे शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता को मजबूत बनाती है, जिससे वायरल की पहचान की जा सके और उसके लड़ने के लिए शरीर एंटीबॉडी बना सके।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 11 December 2024 at 18:44 IST