अपडेटेड 9 February 2024 at 13:36 IST

सदन में श्वेत पत्र को लेकर विपक्ष ने उठाए सवाल, गरजीं निर्मला सीतारमण, बोलीं-छोड़ूंगी नहीं...

Nirmala Sitharaman ने कहा- UPA के दौर में देश की अर्थव्यवस्था के बुरे हालात हुए। मोदी जी के शासन में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है।

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Union Finance Minister Nirmala Sitharaman, on Thursday, tabled a white paper on the Indian economy in the Lok Sabha.
निर्मला सीतारमण | Image: PTI

Nirmala Sitharaman Live:  सदन में वित्त मंत्री ने कांग्रेस दौर में हुए घोटालों की ओर ध्यान दिलाया और कहा अब वो रुकने वाली नहीं, देश के लिए जानना जरूरी है। उन्होंने कहा- UPA के दौर में देश की अर्थव्यवस्था के बुरे हालात हुए। मोदी जी के शासन में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। कोविड के दौर में ग्लोबल संकट था लेकिन सरकार ने पारदर्शी तरीके से उसे हैंडल किया।

उन्होंने कहा- UPA के दौर में देश की अर्थव्यवस्था के बुरे हालात हुए। मोदी जी के शासन में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। कोविड के दौर में ग्लोबल संकट था लेकिन सरकार ने पारदर्शी तरीके से उसे हैंडल किया। लोकसभा में हंगामे के बीच निर्मला सीतारमन ने कहा-  विपक्ष को सुनने की क्षमता और ताकत नहीं हैं, मैं छोड़ूंगी नहीं, मैं बोलूंगी।

एसेट की पहचान नहीं हुई

वित्त मंत्री ने कहा- मार्च 2014 में टॉप 200 कंपनियों का बैंकों पर 8.6 लाख करोड़ बकाया था। 44 फीसदी प्रॉब्लम ये थी कि एसेट की पहचान तक नहीं की। हमने 4 रिफॉर्म्स किए, कानून लाए, बैंकों का मर्जर किया, प्रोफेशनल बोर्ड और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स बनाए। आज उसका रिजल्ट देख रहे हैं। एनपीए में गिरावट आई। 3.2 फीसदी पर आ गया है। पब्लिक सेक्टर बैंक की कमाई बढ़ गई है। बैंक कर्ज में डूबे थे और आज वो जन कल्याण के स्तंभ बन रहे हैं।

उन्होंने कहा-  मैंने बताया कि बैड गवर्नेंस, बैड डिसीजन का क्या असर हुआ, ये बताया। हमारी सरकार के अच्छे कदमों के ऊपर ट्रांसपेरेंसी से सारी बातें रखी हैं। आज इकॉनमी अच्छे स्तर पर पहुंची है। जिम्मेदार सरकार के नाते आने वाली पीढ़ियों को खराब स्थिति से उबारा है। आज यहां पहुंचे हैं तो 10 साल की मेहनत है। 2047 में विकसित भारत बनाने वाले हम होंगे। वित्त मंत्री ने कहा- मार्च 2014 में टॉप 200 कंपनियों का बैंकों पर 8.6 लाख करोड़ बकाया था। 44 फीसदी प्रॉब्लम ये थी कि एसेट की पहचान तक नहीं की। हमने 4 रिफॉर्म्स किए, कानून लाए, बैंकों का मर्जर किया, प्रोफेशनल बोर्ड और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स बनाए। आज उसका रिजल्ट देख रहे हैं। एनपीए में गिरावट आई। 3.2 फीसदी पर आ गया है। पब्लिक सेक्टर बैंक की कमाई बढ़ गई है। बैंक कर्ज में डूबे थे और आज वो जन कल्याण के स्तंभ बन रहे हैं।

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8 फरवरी को पेश किया व्हाइट पेपर


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया था। जिसमें दावा किया गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था बड़े बुरे दौर से गुजर रही थी। इकोनॉमिक मिसमैनेजमेंट और करप्शन का बोलबाला था। श्वेत पत्र के अनुसार, UPA सरकार के हतोत्साहित करने वाले निवेश माहौल ने घरेलू निवेशकों को विदेशों में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। बार-बार पॉलिसी में चेंज करने के  कारण इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देशों में निवेश का रुख किया।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 9 February 2024 at 12:36 IST