अपडेटेड 2 October 2025 at 07:35 IST

BIG BREAKING: भारतीय शास्‍त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन, वाराणसी में होगा अंतिम संस्‍कार

भारतीय शास्‍त्रीय संगीत के दिग्‍गज गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का गुरुवार सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर वाराणसी में निधन हो गया।

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भारतीय शास्‍त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन, वाराणसी में होगा अंतिम संस्‍कार | Image: Instagram

Pandit Chhannulal Mishra Death: भारतीय शास्‍त्रीय संगीत के दिग्‍गज गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का गुरुवार सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर वाराणसी में निधन हो गया। उनकी उम्र 91 साल थी और वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस में उनका इलाज चल रहा था। पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन की जानकारी उनकी बेटी नम्रता मिश्र ने दी। उन्‍होंने बताया कि पिता मीर्जापुर घर पर ही थे। उनका अंतिम संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।

बता दें कि तीन सप्ताह पहले शनिवार के दिन पंडित छन्नूलाल मिश्र को माइनर कार्डियक अटैक आया था। इसके बाद उनको BHU के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती किया गया था। इस दौरान डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि उनके चेस्ट में इंफेक्शन और खून की कमी भी है। तीन सप्ताह तक चले इलाज के बाद शुक्रवार को उनको बीएचयू के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद उनकी बेटी ने उनको मीर्जापुर लाया और रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती कराया था।

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का परिचय

  • पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर में हुआ था।
  • महज 6 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की कला सीखी थी।
  • उनके पहले गुरु उस्ताद गनी अली साहब ने उन्हें संगीत की बारीकियों के बारे में सिखाया।
  • इसके बाद वो बनारस और किराना घराना से जुड़ गए।
  • मशहूर तबला वादक अनोखेलाल मिश्र से भी छन्नूलाल का खास रिश्ता था, वो अनोखेलाल के दामाद थे।
  • छन्नूलाल मिश्र ठुमरी, खयाल, भजन, कजरी, दादरा और चैती गाने के लिए जाने जाते थे।
  • छन्नूलाल मिश्र अपने करियर में बहुत से अवॉर्ड जीत चुके थे। भारत सरकार ने साल 2010 में सिंगर को पद्मभूषण से सम्मानित किया था। इसके बाद छन्नूलाल को साल 2020 में पद्म विभूषण भी दिया गया।
  • पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे अवॉर्ड्स हासिल करने से पहले छन्नूलाल के नाम संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी था। ये अवॉर्ड उन्हें साल 2000 में मिला था।
  • पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने 2011 में आई प्रकाश झा की फिल्म 'आरक्षण' में 'सांस अलबेली' और 'कौन सी डोर' जैसे गाने गाए थे।
  • 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे।

संगीत जगत में शोक का माहौल

पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने अपनी सुरीली आवाज और अद्वितीय शैली से शास्त्रीय संगीत को आम लोगों तक पहुंचाया। उनके निधन से संगीत जगत में गहरा शोक है। संगीत प्रेमियों और उनके शिष्यों के लिए यह अपूरणीय क्षति है।

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कोरोना काल में हुई थी पत्‍नी और बेटी की मौत

कोरानाकाल में पंडित छन्नूलाल को व्यक्तिगत दुख सहना पड़ा। 2021 में उनकी पत्नी माणिक रानी मिश्र और बेटी संगीता मिश्र का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। हाल के वर्षों में स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हुए भी वह संगीत साधना में लीन रहे। मिर्जापुर प्रशासन ने उनकी देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम तैनात की थी।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 2 October 2025 at 07:12 IST