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अपडेटेड May 9th 2025, 13:17 IST

ऑपरेशन सिंदूर के बाद दहशत में मसूद अजहर-हाफिज सईद, पाक सेना हेडक्वाटर की बिल में जा छिपे आतंकी; कामांडों दे रहे सुरक्षा

भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार किया।

Reported by: Ankur Shrivastava
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Pakistan army shift most wanted terrorist hafiz saeed masood azhar army headquarter after operation sindoor
ऑपरेशन सिंदूर के बाद दहशत में पाकिस्‍तान, मसूद अजहर-हाफिज सईद सेना के हेडक्वाटर्स में हुए शिफ्ट; पाक कमांडों दे रहे सुरक्षा | Image: X

भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार किया। इस ऑपरेशन के तहत सेना ने कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के ठिकाने भी शामिल थे। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्यों की मौत हो गई है। हमलों के बाद से अजहर और सईद अपनी जान बचाकर इधर-उधर छिपते फिर रहे हैं। एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने इन दोनों को शरण देकर अपने ही मुख्यालयों में स्थानांतरित कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने मसूद अजहर, हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई बड़े आतंकी नेताओं को देश के चार प्रमुख सैन्य ठिकानों में शिफ्ट किया है। इनमें लाहौर स्थित चौथी कोर, कराची की पांचवीं कोर, रावलपिंडी की दसवीं कोर और पेशावर की 11वीं कोर शामिल हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन आतंकियों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी कमांडो तैनात किए गए हैं और उन्हें आम नागरिकों से मिलने की अनुमति भी नहीं है। शेष आतंकियों को भी आदेश दिया गया है कि वे आबादी वाले इलाकों में शरण लें, ताकि संभावित हमलों से बचा जा सके।

अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर फिर पाकिस्‍तान की किरकिरी

यह घटनाक्रम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति को उजागर करता है। भारत पहले भी कई बार संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर यह बात उठा चुका है कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को पनाह और प्रशिक्षण देता है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सामने आई जानकारी इस दावे को और बल देती है। भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से हालांकि अब तक इस ऑपरेशन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना की यह कार्रवाई सीमापार आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीतिक और स्पष्ट संदेश के रूप में देखी जा रही है।

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पब्लिश्ड May 9th 2025, 13:17 IST