अपडेटेड 23 April 2025 at 17:42 IST
Pahalgam Terror Attack: आतंकवाद का धर्म होता है? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस... तो जानिए सैयद हुसैन को आतंकियों ने क्यों मारा
सलमान नाम के यूजर ने कुंडा विधायक राजा भैया की पोस्ट पर आतंकवादियों का समर्थन लेते हुए लिखा है कि आतंकियों ने पर्यटकों को मारने से पहले उनके धर्म नहीं पूछे थे।
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Terrorist Why Killed Muslim Youth in Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकवादी हमले में 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के संगठन के आतंकियों ने 28 पर्यटकों की उनसे धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी। मारे जाने वाले 28 लोगों की लिस्ट में एक नाम सैयद हुसैन शाह का नाम भी शामिल है। सैयद हुसैन शाह एक मात्र मुस्लिम शख्स हैं जिनकी इस आतंकी हमले में हत्या हुई है। पहलगाम आतंकी हमले की पूरे देश ही नहीं पूरी दुनिया में भर्त्सना की जा रही है लेकिन सोशल मीडिया पर अभी भी लोग आतंकियों का पक्ष लेने से नहीं चूक रहे हैं। सलमान खान विद्रोही नाम के एक्स यूजर ने राजा भैया की एक पोस्ट जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे आतंकियों ने धर्म पूछ कर पर्यटकों पर हमला किया, सलमान खान विद्रोही ने कुंडा विधायक राजा भैया की पोस्ट पर जवाब देने के लिए आतंकवादियों का समर्थन लेते हुए लिखा है कि आतंकियों ने पर्यटकों को मारने से पहले उनके धर्म नहीं पूछे थे और उनकी पैंट नहीं उतरवाई थी। इस यूजर अपनी बात को साबित करने के लिए मृतकों की लिस्ट भी शेयर की जिसमें सैय्यद हुसैन शाह का नाम भी था इस नाम को मार्क करते हुए उसने मीडिया की खबरों पर सवाल उठाए।
सोशल मीडिया पर पहलगाम आतंकी हमले को लेकर अब ये बहस छिड़ गई है कि आतंकियों ने सैयद हुसैन शाह को क्यों मारा? तो चलिए हम आपको यहां ये बता देते हैं कि मारे जाने वाले लोगों की लिस्ट में मारा गया मुस्लिम शख्स कौन है और आतंकियों ने क्यों उसकी हत्या की? दरअसल पहलगाम आतंकी हमले के दौरान वहां पर मौजूद सैय्यद हुसैन शाह पर्यटकों को अपने घोड़े पर बैठाकर घुमाने का काम करते थे। सैयद हुसैन ने जब देखा कि आतंकवादी पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर हत्या कर रहे हैं तो उन्होंने आतंकवादियों को ऐसा करने से रोका और कहा था कि इन्हें मत मारे ये हमारे कश्मीर के मेहमान हैं।
इन्हें मत मारो ये कश्मीर के मेहमान हैं, आतंकियों से बोले सैयद
सैयद आदिल हुसैन शाह कश्मीर में आने वाले पर्यटकों को अपने घोड़े पर बैठाकर उनको लोकल इलाके में घुमाने का काम किया करते थे। यही उनकी आजीविका थी जिससे कि वो अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे। सैयद कश्मीर आने वाले पर्यटकों को घाटी के ऊपर के इलाकों में अपने घोड़े पर बैठाकर ले जाते थे। अपने परिवार में एकमात्र कमाई करने वाले सैयद की कमाई से पूरे घर का खर्च चलता था। मंगलवार (22 अप्रैल) को जब आतंकियों ने बेगुनाह पर्यटकों पर गोलियों की बरसात की तो सैयद ने उनसे विनती करते हुए कहा- 'इन्हें मत मारो, ये कश्मीर के मेहमान हैं।' वहीं शिखा वसु वैरागी नाम की एक यूजर लिखती हैं कि पहलगाम में मारे जाने वाले लोगों में एक मुस्लिम और दो ईसाई भी हैं।
इस वजह से आतंकियों ने कर दी थी सैयद हुसैन की हत्या
मंगलवार को हमेशा की तरह से सैयद हुसैन कश्मीर के पहलगाम इलाके में आए हुए पर्यटकों को घुमाने के लिए बैसरन गए थे। जब आतंकियों ने अचानक से पर्यटकों पर हमला किया था तब सैयद हुसैन वहीं मौजूद थे। सैयद ने आतंकवादियों से विनती की कि इन लोगों को न मारें। जब आतंकी नहीं माने तब सैयद उन आतंकियों से भिड़ गया और एक आतंकी की रायफल भी छीन ली। इसके बाद आतंकियों ने सैयद को भी गोलियों से भून दिया। सैयद को ये बात अच्छी तरह से पता थी कि अगर पर्यटक मारे जाएंगे तो कश्मीर में फिर लोग घूमने आना बंद कर देंगे और ऐसे में सैयद की तरह से सैकड़ों घोड़े चलाने वाले 90 के दशक की तरह से बेरोजगार हो जाएंगे।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 23 April 2025 at 17:42 IST