अपडेटेड 26 January 2024 at 19:39 IST

40 रुपये के वजीफे से 10 रुपये मां को देते थे और 30 से चलता था खर्च, अब सरकार ने Padma Shri से नवाजा

Padma Award 2024 : पद्मश्री पुरस्कार विजेता ए. वेलु आनंद चारी सरकार के इस कदम से बेहद खुश हैं। उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा है।

Follow : Google News Icon  

Padma Award 2024 : केंद्र सरकार की ओर से पद्म पुरस्कार 2024 की घोषणा कर दी गई है। देश की इन हस्तियां में कई गुमनाम नायक हैं। पद्म पुरस्कार पाने वालों में 34 गुमनाम नायक हैं, जिनमें भारत की पहली महिला हाथी महावत पार्वती बरुआ, आदिवासी पर्यावरणविद चामी मुर्मू, मिजोरम का सबसे बड़ा अनाथालय चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा और प्लास्टिक सर्जन प्रेमा धनराज शामिल हैं।

पद्म पुरस्कार पाने वाली नामचीन हस्तियों में पांच हस्तियों को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 110 को पद्म श्री सम्मान दिया जाएगा। इस सूची में कुल 30 महिलाएं और 102 पुरुषों के नाम शामिल हैं। सरकार ने 4 उद्योगपतियों को भी पद्म सम्‍मान से नवाजा गया। कला के क्षेत्र में तेलंगाना के ए. वेलु आनंद चारी को पद्मश्री सम्मान मिलेगा।

मैं भारत सरकार का आभारी हूं- ए. वेलु आनंद चारी

पद्मश्री पुरस्कार विजेता ए. वेलु आनंद चारी सरकार के इस कदम से बेहद खुश हैं। उनके नाम की घोषाणा के बाद घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। खुदको पद्मश्री के लिए चुने जाने पर ए. वेलु आनंद चारी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रोत्साहित कर रही है, मैं सरकार का आभारी हूं।

वजीफे के मिलते थे 40 रुपये

मुश्किल वक्त को याद करते हुए ए. वेलु आनंद चारी ने बताया कि 'मैंने 2012 तक बंदोबस्ती विभाग में सलाहकार के रूप में काम किया है। मैं एक गरीब परिवार से हूं। मैंने अपने कॉलेज के समय में कई कठिनाइयों का सामना किया है, मुझे वजीफे के रूप में 40 रुपये मिलते थे। मैं 30 रुपये खाने के लिए रखता था और बाकी 10 रुपये अपनी मां को भेज देता था। मैंने बड़ी मुश्किल से BA और MA की पढ़ाई की है। 1987 में मुझे गोल्ड मेडल मिला। पद्म पुरस्कार पाकर बहुत खुश हूं।'

Advertisement

तेलंगाना के ही जनगांव के रहने वाले गद्दाम सम्मैया को भी कला के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार मिलेता। गद्दाम सम्मैया चिंदु यक्षगानम थिएटर कलाकार हैं। उन्होंने कहा 'मुझे खुशी है कि मुझे तेलंगाना सरकार के संस्कृति विभाग के निदेशक और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी की मदद से इस प्राचीन और लुप्तप्राय कला के लिए यह पुरस्कार मिल रहा है। मैं 18 सालों से इस कला का अभ्यास कर रहा हूं।'

ये भी पढ़ें: चीन के हलक से छीना करोडों का कारोबार, तो भारत सरकार ने विदेशी उद्योगपति को पद्म भूषण से नवाजा

Advertisement

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 26 January 2024 at 19:39 IST