अपडेटेड May 8th 2025, 00:20 IST
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने जो टूरिस्टों पर हमला किया था, उसका बदला भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों तो तबाह करके लिया है। भारतीय सुरक्षा बलों के इस शौर्य और पराक्रम को देश का बच्चा-बच्चा सलाम करता है। हर सच्चा देशभक्त आज खुश है कि भारत की बहनु बेटियों की मांग का सिंदूर उजाड़ने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिला है। इस बीच एक कैब ड्राइवर का बयान भी सामने आया है, जो ये कहता हुआ सुना जा सकता है कि अब ये हमला आतंकियों के सफाई के बाद ही रूकना चाहिए। वहीं उनका ये भी कहना है कि अगर युद्ध हो गया तो वो भी बॉर्डर पर बंदूक लेकर जाएंगे।
कैब ड्राइवर ने कहा, "अगर युद्ध हो गया तो मैं बंदूक लेकर सीधा बॉर्डर पर पहुंच जाऊंगा। उनकी धज्जियां उड़ाऊंगा और मरते-मरते भी 20 लोगों को मारकर मरूंगा। मैं सरकार से गुजारिश करूंगा कि ये थमना नहीं चाहिए। सपोला का बच्चा सपोला ही पैदा होता है। वो फिर फन उठाएगा और फिर डसेगा। उससे अच्छा है कि उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया जाए। हमारे भारत की जो जनता है वो बहुत भोली है। उस टाइम बहुत गुस्सा है। हमारे कितने शहीद हुए, 26 लोग मारे गए उनका दर्द कोई नहीं समझेगा, ना हम समझेंगे ना जनता समझेगी।"
उन्होंने कहा कि सरकार के बस की ना हो तो हमें बॉर्डर पर भेज दो। जैसे अभिमन्यु पैदा हुआ था, हम भी सबकुछ हथियार चलाना सीख गए। क्षत्रिय हैं हम। हमें मां के पेट से ही हथियार चलाना आता है। हम डरते नहीं हैं। मौत से डरना तो हमने सीखा ही नहीं है।
कैब ड्राइवर ने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं। मैं सरकार को 100 में से 100 नंबर देना चाहूंगा। हमारे सेना के जवानों को दिल से सलाम है। जितने भी आतंकी है ना सबको चुन-चुनकर मारो। उससे पहले जो देश में गद्दार बैठे हैं, उन्हें भी सरकार चुन-चुनकर मारे। ये खाएंगे भारत का और पाकिस्तान का गाना गाएंगे। राहुल गांधी हो, या अखिलेश यादव हो, या लालू यादव का लड़का तेजस्वी यादव या ममता बनर्जी हो, जो सबूत मांगते हैं...।
पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी से घटिया मुख्यमंत्री आजतक और भविष्य में कोई नहीं होगा। जितने भी रोहिंग्या और बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल में हैं, सब ममता बनर्जी ने बसा रखे हैं। युद्ध होने पर महंगाी बढ़ेगी, तो किसान के बेटे हैं, धरती में हल गाड़कर फसल पैदा कर लेंगे। पहले नहीं खाते थे क्या!! लेकिन इन आतंकियों का सफाया हो। 1971 में जब युद्ध हुआ था तो भूखे मर गए थे क्या? पहले भी तो रोटी ही खा रहे थे, अब फिर रोटी खा लेंगे। धरती का सीना चीड़कर अन्न उगा लेंगे।
पब्लिश्ड May 8th 2025, 00:06 IST