अपडेटेड May 7th 2025, 15:14 IST
Army on Operation Sindooor: पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाने के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी जानकारी साझा की। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ यह कार्रवाई करीब 25 मिनट तक चली। खुफिया जानकारी के आधार पर निशाना बनाकर हमला किया गया।
बुधवार तड़के पाकिस्तान में छिपे आतंकियों पर स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने सुबह साढ़े 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सेना की ओर से पाकिस्तान और PoJK में मुंद्रिके और अन्य आतंकवादी ठिकानों पर कई हमलों को दिखाते हुए तस्वीर भी जारी की गई। कर्नल सौफिया कुरैशी ने बताया कि देर रात 1 बजकर 5 मिनट पर पाकिस्तान पर हमला किया गया। इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों पर 21 जगह हमला किया गया। बुधवार की रात 1 बजकर 05 से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक यह ऑपरेशन चला।
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, '22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया गया था। इस कार्रवाई में 9 आतंकवादी शिविरों को टारगेट किया गया और पूरी तरह से इसे बर्बाद किया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से टेरर इंफ्रास्टक्टर का निर्माण हो रहा है जिसमें रिक्रूटमेंट, इन डॉक्ट्रिनेशन सेंटर, ट्रेनिंग एरिया और लॉन्च पैड शामिल है जो पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर PoJK दोनों में फैले हैं।'
कर्नल सौफिया कुरैशी ने आगे बताया कि खुफिया सूचनाओं के आधार पर टारगेट पर हमला किया गया ताकि आतंक गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके। यह खास ध्यान दिया गया कि निर्देोष नागरिकों और सैन्य ठिकाने को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। सेना द्वारा 9 जगहों पर 21 ठिकानों पर हमला किया गया।'
बता दें कि आर्मी से कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय इंटेलिजेंस के आधार पर हुआ और ये ध्यान रखा गया कि इसमें किसी निर्दोष नागरिक को नुकसान न पहुंचे। भारत के इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के मुख्यालय को तबाह कर दिया गया। लश्कर का गढ़ 'मरकज ए तैयबा', जहां 26/11 का आतंकी अजमल कसाब ट्रेनिंग ले चुका था, अब मलबे में तब्दील हो चुका है। जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय ‘मस्जिद जश-शुभानअल्लाह’ भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है। इसके अलावा हिजबुल के कई ट्रेनिंग कैम्प भी निशाने पर रहे।
पब्लिश्ड May 7th 2025, 11:39 IST