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Published 21:22 IST, September 8th 2024

ओडिशा के आदिवासी छात्र ने प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर पहली बार में पास की नीट परीक्षा

ओडिशा के आदिवासी छात्र ने किताबें उधार लेकर और इंटरनेट के लिए महीनों तक रोजाना अपने गांव से तीन KM दूर पहाड़ी की चोटी पर जाकर पढ़ाई कर NEET में सफलता हासिल की।

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प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Representational

ओडिशा के कंधमाल जिले के एक दूरदराज के गांव के 19 वर्षीय आदिवासी छात्र ने किताबें उधार लेकर और इंटरनेट का उपयोग करने के लिए महीनों तक रोजाना अपने गांव से तीन किलोमीटर दूर एक पहाड़ी की चोटी पर जाकर पढ़ाई की तथा अपने पहले ही प्रयास में मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ में सफलता हासिल की।

दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और चिकित्सक बनने के सपने को पूरा करने के अथक प्रयास के तहत सनातन प्रधान की यात्रा ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि उस क्षेत्र में आशा की किरण भी जगाई है जहां अवसर बहुत दुर्लभ होते हैं।

सनातन के पिता कनेश्वर प्रधान आदिवासी बहुल कंधमाल जिले के सुदूर ताड़ीमाहा गांव में एक छोटे किसान हैं। कांधा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले सनातन ने बिना किसी औपचारिक कोचिंग के अपने पहले प्रयास में ही राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण कर ली और अब वह यहां सरकार द्वारा संचालित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने की तैयारी में जुटे हैं।

दारिंगबाड़ी के सरकारी स्कूल से 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सनातन 12वीं की पढ़ाई के लिए ब्रह्मपुर के खलीकोट जूनियर कॉलेज चले गए। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह नीट की तैयारी के लिए फिर से अपने गांव लौट आए। चूंकि उनके गांव में इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं थी, इसलिए वह इंटरनेट का उपयोग करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए रोजाना तीन से चार किलोमीटर की यात्रा करके पहाड़ी इलाकों में जाते थे।

सनातन ने कहा, ‘‘हर दिन पहाड़ी इलाकों में जाना और पूरा दिन पहाड़ पर बिताना बहुत मुश्किल है। नीट परीक्षा से दो महीने पहले, मैं परीक्षा की तैयारी के लिए ब्रह्मपुर लौटा। तैयारी ऑनलाइन और दोस्तों से कुछ किताबें उधार लेकर की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मुझे राज्य के मेडिकल कॉलेज में सीट मिलने का भरोसा था, लेकिन यहां एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज में सीट मिलना मेरे लिए सपना सच होने जैसा है।’’

सनातन ने कहा, ‘‘मैं ईमानदारी से पढ़ाई करूंगा और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की सेवा करने के लिए चिकित्सक बनूंगा, जहां चिकित्सा सुविधा दुर्लभ है।’’

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सीट पक्की करने के लिए उधार लेकर पहले ही पैसे जमा कर दिए हैं।

कनेश्वर ने कहा, ‘‘अब कई बैंकर हमारे पास आ रहे हैं और छात्र ऋण की पेशकश कर रहे हैं। हम सरकार से सनातन की मेडिकल पढ़ाई के लिए वित्तीय मदद का अनुरोध करेंगे।’’

Updated 21:22 IST, September 8th 2024