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अपडेटेड 9 June 2025 at 23:38 IST

ओडिशा सरकार का ऐतिहासिक फैसला, पुरी में जगन्नाथ मंदिर के 2 KM दायरे में शराब और मांस पर पूरी तरह रोक

पुरी में जगन्नाथ मंदिर के 2 किमी दायरे में शराब और मांसाहारी भोजन की बिक्री पर प्रतिबंद लगेगा, ओडिशा सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है।

Reported by: Nidhi Mudgill
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Jagannath Temple
जगन्नाथ मंदिर | Image: FB/LordJagannath

Puri temple vegetarian zone: ओडिशा की बीजेपी सरकार ने बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य के कानून मंत्री और आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने ऐलान किया कि पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के 2 किलोमीटर के दायरे में अब मांसाहारी भोजन और शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। मंत्री हरिचंदन ने कहा- 'पुरी की धार्मिक गरिमा और पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह प्रतिबंध जरूरी है। यह निर्णय राज्य सरकार की एक व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसमें धार्मिक स्थलों के आसपास के वातावरण को शुद्ध और श्रद्धायुक्त बनाए रखने पर जोर दिया गया है।'

किन इलाकों में रहेगा प्रतिबंध? 

जगन्नाथ मंदिर से दो किलोमीटर के दायरे में किसी प्रकार की शराब या मांस की बिक्री नहीं होगी। वहीं, पुरी की ग्रैंड रोड पर स्थित बार और शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा। साथ ही गुंडिचा मंदिर से लेकर जगन्नाथ मंदिर तक की सड़क पर मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री पर भी रोक होगी।

कब से लागू होगा नियम? 

मंत्री ने साफ कहा कि इस क्षेत्र में न सिर्फ शराब की दुकानें, बल्कि बार भी पूर्ण रूप से बंद किए जाएंगे। यह प्रतिबंध न सिर्फ व्यापारिक दुकानों पर लागू होगा बल्कि खाने-पीने के प्रतिष्ठानों पर भी प्रभाव डालेगा। हालांकि मंत्री हरिचंदन ने यह नहीं बताया कि यह आदेश कब से प्रभावी होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी जिसमें डेट और सभी तरह की जानकारी दी जाएगी।

पुरी को शुद्ध बनाए रखने में होगी मदद 

सरकार की योजना सिर्फ खानपान तक सीमित नहीं है। ग्रैंड रोड पर स्थित सभी इमारतों की ऊंचाई और बाहरी स्वरूप में एकरूपता लाने की योजना भी तैयार की जा रही है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) पहले ही राज्य के आवास और शहरी विकास विभाग से अनुरोध कर चुका है कि मंदिर क्षेत्र के चारों ओर की इमारतों के लिए एक समान वास्तुशिल्प डिजाइन का मानक तैयार किया जाए।

ओडिशा सरकार का यह कदम धार्मिक स्थलों के सम्मान और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। यह निर्णय न केवल पुरी के धार्मिक पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी एक आदर्श धार्मिक अनुभव सुनिश्चित करेगा।

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पब्लिश्ड 9 June 2025 at 23:38 IST