अपडेटेड 29 September 2023 at 07:50 IST
October Vrat-Tyohar List: अक्टूबर महीने में पड़ने वाले हैं ये व्रत और त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
October 2023 Vrat Tyohar List: अक्टूबर महीने में कई व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं। आप यहां अगले महीने के व्रत-त्योहारों की लिस्ट देख सकते हैं।

October 2023 Vrat Tyohar List: अक्टूबर का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में कई बड़े व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जो हिंदू धर्म में काफी अहमियत रखते हैं। इस साल अक्टूबर के महीने में शारदीय नवरात्रि, जितिया व्रत, दशहरा, इंदिरा एकादशी, शरद पूर्णिमा समेत कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाने वाले हैं।
स्टोरी में आगे पढ़ें...
- ये हैं अक्टूबर महीने के व्रत और त्योहार
- यहां मिलेगी त्योहारों की पूरी लिस्ट
- इस तारीख से शुरू होंगे शारदीय नवरात्रि
अगर आप भी अक्टबूर माह में मनाए जाने वाले इन व्रत और त्योहारों की तिथि के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको अक्टूबर महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट के बारे में जान लेना चाहिए।
2 अक्टूबर - विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
दुख, परेशानी, संकट से मुक्ति पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर रात में चंद्रमा की पूजा की जाती है। ये दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
6 अक्टूबर - जितिया व्रत, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, कालाष्टमी
अश्विन माह की अष्टमी तिथि के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन सूर्य और मां जितिया की पूजा होती है। ये व्रत संतान की उन्नति, खुशहाली, अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए किया जाता है।
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10 अक्टूबर - इंदिरा एकादशी
पितृ पक्ष में आने वाली एकादशी बेहद खास होती है। इस दिन एकादशी तिथि का श्राद्ध होता है।
11 अक्टूबर - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन भक्त भोलेनाथ के लिए व्रत कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं ताकि भोले की कृपा उन पर बनी रहे।
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12 अक्टूबर - अश्विन मासिक शिवरात्रि
14 अक्टूबर - सर्व पितृ अमावस्या, सूर्य ग्रहण
14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का आखिरी दिन है। जिन लोगों को परिजनों की मृत्यु तिथि याद नहीं या किसी कारणवश वह श्राद्ध न कर पाए हों तो वह लोग सर्व पितृ अमावस्या के दिन तर्पण, पिंडदान कर सकते हैं। साथ ही इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा।
15 अक्टूबर - शारदीय नवरात्रि, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयंती
शारदीय नवरात्रि इस साल पूरे 9 दिन तक रहेगी। इन नौ दिनों तक भक्त व्रत कर मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।
18 अक्टूबर- तुला संक्रांति, अश्विन विनायक चतुर्थी
इस दिन सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य की उपासना के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ है। इसके साथ ही इस दिन विनायक चतुर्थी पर बप्पा की उपासना भी होगी।
20 अक्टूबर - कल्परम्भ, दुर्गा पूजा शुरू
शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि से बंगाली वर्ग की दुर्गा पूजा शुरू होगी। इसे कल्परंभ भी कहा जाता है।
21 अक्टूबर - नवपत्रिका पूजा, सरस्वती पूजा
नव-पत्रिका पूजा को महा सप्तमी भी कहते हैं। इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
22 अक्टूबर - दुर्गा महाअष्टमी पूजा, संधि पूजा
दुर्गा अष्टमी के दिन लोग अपनी कुल देवी की पूजा कर कन्या पूजन करते हैं।
23 अक्टूबर - दुर्गा महानवमी पूजा, आयुध पूजा, पंचक शुरू
ये शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन होगा। महानवमी पर देवी सिद्धिदात्री का पूजन, शस्त्र पूजन किया जाता है।
24 अक्टूबर - दशहरा, दुर्गा विसर्जन
देवी दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन विजयादशी के दिन होता है। इसके साथ ही इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा भी मनाया जाता है।
25 अक्टूबर - पापांकुशा एकादशी
26 अक्टूबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
28 अक्टूबर - अश्विन पूर्णिमा व्रत, कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा, मीराबाई जयंती
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। मान्यता है इस रात को अमृत गिरता है। शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाकर उसे खुले आसमान में रखते हैं ताकि उसमें अमृत के गुण शामिल हो जाएं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 29 September 2023 at 07:48 IST