अपडेटेड 4 January 2025 at 11:01 IST
BIG BREAKING: पोखरण परमाणु परिक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले न्यूक्लियर साइंटिस्ट आर चिदंबरम का निधन
BIG BREAKING: पोखरण परमाणु परिक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले न्यूक्लियर साइंटिस्ट आर चिदंबरम का निधन
- भारत
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देश के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक राजगोपाल चिदंबरम का निधन हो गया। वह 88 साल के थे, उन्होंने 1975 और 1998 के परमाणु परिक्षणों में अहम रोल प्ले किया। परमाणु ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि परमाणु हथियार कार्यक्रम से भी जुड़े रहे चिदंबरम ने सुबह तीन बजकर 20 मिनट पर मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
उन्होंने परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया था। चिदंबरम को 1975 और 1999 में पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। चिदंबरम उन कुछ वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्होंने भारत के दोनों परमाणु परीक्षणों – 1974 और 1998 में – में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जानकारी के अनुसार, वह अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु समझौते को अंतिम रूप देने में भी बहुत निकटता से शामिल थे, जिसने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समुदाय में भारत के अलगाव को खत्म किया।
वैज्ञानिक के रूप में करियर
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एक वैज्ञानिक के रूप में अपने करियर में, डॉ. चिदंबरम ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के निदेशक, परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव के रूप में काम किया। वह 1994-95 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष थे। डॉ. चिदम्बरम भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे थे। डॉ. चिदम्बरम ने भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई - पोखरण-I (1975) और पोखरण-II (1998) के लिए परीक्षण तैयारी की।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 4 January 2025 at 09:56 IST