अपडेटेड 19 June 2024 at 09:03 IST

'कुंए तक में पानी नहीं...' नासिक के गावों में पानी के लिए त्राहिमाम; हेदुली के लोगों ने बताया दर्द

Nashik Water Crisis : नासिक के अलग-अलग इलाकों में जल संकट गहराता जा रहा है। लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। कई इलाकों में कुएं भी सूख गए है।

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Water crisis in Nashik
नासिक में गहराया जल संकट | Image: ANI

Nashik Water Crisis : महाराष्ट्र का नासिक खतरनाक जल संकट का सामना कर रहा है और स्थिति और भी गंभीर होने की संभावना है, क्योंकि जिले के 24 बांधों में से कम से कम आठ पूरी तरह सूख गए हैं, जिससे जल भंडार गंभीर स्तर तक गिर गया है। हेदुली पाडा गांव के निवासी पानी की भारी कमी के बीच कुएं से गंदा पानी लाने को मजबूर हैं। वहीं के स्थानीय लोगों ने अपनी दिक्कत शेयर करते हुए बताया कि पीने के पानी के लिए भी इधर उधर भटकना पड़ रहा है।

महाराष्ट्र का नासिक जिला भीषण गर्मी के साथ-साथ पानी की भारी कमी से भी जूझ रहा है। नासिक के अलग-अलग इलाकों में जल संकट गहराता जा रहा है। लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। कई इलाकों में कुएं भी सूख गए है। ऐसा ही कुछ नजारा नासिक के कई गांवों में दिखाई दे रहा है, जहां पानी की कमी की वजह से सूखे हुए कुएं पर भी महिलाओं की भीड़ दिखाई दी।

गांव के कुंआ में थोड़ा सा भी पानी नहीं- निवासी 

हेदुली पाडा गांव की निवासी भारती शिन्मे ने बताया कि, ‘हमारे गांव में 500 लोगों की संख्या है। हमारे गांव का जो कुंआ है उसमें थोड़ा भी पानी नहीं है और हमें पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। कुएं में बहुत गंदा पानी होता है। टैंकर भी 2-3 दिन बाद आता है। हमारे गांव में कई बच्चे और बुजुर्ग लोग बीमार हैं।’

चोलमुख गांव में भी ऐसा हाल

चोलमुख गांव में पानी की कमी का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर महिलाएं कुएं के अंदर तक उतरने को मजबूर है। ताकि उस पानी से अपनी प्यास बुझाई जा सके।

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सूखा मानसून होने के कारण जल संकट

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जल भंडार कम होने का कारण पिछले कई सालों से ज्याता सूखा मानसून है, जिसके दौरान नासिक जिले में औसत बारिश सिर्फ 70 प्रतिशत ही हुई, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 19 June 2024 at 09:03 IST