अपडेटेड 20 June 2024 at 19:56 IST
'कर्नाटक में कन्नड़ के सिवा कोई भाषा नहीं...', CM सिद्धारमैया के इस बयान से बवाल मचना तय!
Karnataka News: कन्नडिगाओं से अपनी मातृभाषा में बोलने का अनुरोध करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि इसे लेकर हीनता का बोध नहीं पालने की जरूरत है।
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Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को लोगों से अपनी मातृभाषा बोलने में गर्व महसूस करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कन्नड़ भाषा, भूमि और जल को बचाना हर कन्नडिगा का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में रह रहे लोगों को कन्नड़ सिखना चाहिए । उन्होंने राज्य में ‘कन्नड़ माहौल’ बनाने की जरूरत पर बल दिया।
यहां विधान सौध के परिसर में नदा देवी भुवनेश्वरी की 25 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा के निर्माण के वास्ते ‘भूमि पूजा’ करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी मातृभाषा बोलना गर्व का विषय होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ एक संकल्प लिया जाए कि राज्य में कन्नड़ के सिवा कोई भाषा नहीं बोली जाए। कन्नडिगा उदार होते हैं। यही कारण है कि कर्नाटक में ऐसा माहौल है कि जो दूसरी भाषाएं बोलते हैं, वे भी कन्नड़ सीखे बिना रह सकते हैं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ सकती है। वे बस अपनी मातृभाषा में ही बोलते हैं।’’
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कन्नडिगाओं से अपनी मातृभाषा में बोलने का अनुरोध करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि इसे लेकर हीनता का बोध नहीं पालने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें भी अपनी मातृभाषा में बोलना है। उससे हमें गर्व महसूस करना चाहिए।’’
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कर्नाटक में रह रहे लोगों से कन्नड़ सीखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ कन्नड़ माहौल तैयार करना हम सभी का दायित्व है। उसके लिए यहां रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ सीखना चाहिए। हम उस तरह चुप नहीं रह सकते। कन्नड़ ढीठ नहीं होते हैं। लेकिन कन्नड़ के प्रति प्यार विकसित किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अन्य राज्यों की भांति हमें हठधर्मी नहीं बनना चाहिए। लेकिन हमें अपने अंदर अपनी भाषा, भूमि और अपने देश के प्रति सम्मान एवं प्रशंसा (का भाव) विकसित करना चाहिए।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 20 June 2024 at 19:56 IST