अपडेटेड 24 January 2025 at 22:20 IST

नितिन गडकरी ने गोवा सरकार को दी 'नींद से जागने' की सलाह, जुआरी ब्रिज प्रोजक्ट को लेकर विपक्ष हमलावर

गोवा में हाल के दिनों में घोटालों और राजनीतिक आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है।

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Minister of Road Transport and Highways Nitin Gadkari | Image: X/@nitin_gadkari

गोवा में हाल के दिनों में घोटालों और राजनीतिक आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक बयान ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया है। गडकरी ने गोवा सरकार को "नींद से जगने" की सलाह दे डाली है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान उस समय आया जब वो जुआरी ब्रिज पर प्रस्तावित व्यूअर गैलरी परियोजना के उद्घाटन के लिए गोवा पहुंचे थे।

आपको बता दें कि न्यू जुआरी ब्रिज, जो उत्तरी और दक्षिणी गोवा को जोड़ता है, भारत के सबसे लंबे केबल ब्रिजों में से एक है। इस पुल को केवल यातायात के लिए ही नहीं, बल्कि एक पर्यटन आकर्षण के रूप में भी विकसित करने की योजना है। इसके अंतर्गत पुल के पास एक भव्य व्यूअर गैलरी, पार्किंग स्थल, और एक आकर्षक लाइट एंड साउंड शो का निर्माण प्रस्तावित था।

नितिन गडकरी ने कहा, "जुआरी ब्रिज पर व्यूअर गैलरी बनाने की योजना थी। मैंने गोवा सरकार से जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस परियोजना को हाथो-हाथ लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। सरकार को अपनी नींद से जागने की जरूरत है।"

बयान के बाद से हमलावर हुई विपक्ष

गडकरी के बयान के बाद गोवा सरकार पर विपक्षी पार्टियों ने और तीखे हमले शुरू कर दिए। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेशाई ने ट्वीट करते हुए सीएम प्रमोद सावंत की सरकार को "हमेशा के लिए सोई हुई" करार दिया। सरदेशाई ने लिखा, "क्षमा करें, गडकरी जी, प्रमोद सावंत सरकार हमेशा के लिए सोई हुई है। 

यह कभी नहीं जागेगी। गोवा के सड़क परियोजनाओं में राज्य सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को लेकर आपकी नाराजगी स्वाभाविक है।" उन्होंने आगे आरोप लगाया कि राज्य की सरकार न केवल अक्षम है, बल्कि गोवा की संपत्तियों को टुकड़ों में बेचने का काम कर रही है।

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परियोजना की देरी और असर

इस परियोजना की देरी गोवा के पर्यटन विकास और स्थानीय रोजगार के लिए एक बड़ा झटका है। व्यूअर गैलरी और लाइट एंड साउंड शो जैसे आकर्षण गोवा को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाई पर ले जा सकते थे। इसके साथ ही यह क्षेत्रीय व्यवसायों और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा दे सकता था।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 24 January 2025 at 22:20 IST