अपडेटेड 11 March 2025 at 23:20 IST
निर्मला सीतारमण ने भाषा को लेकर विवाद पर द्रमुक की आलोचना की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भाषा विवाद को लेकर द्रमुक पर निशाना साधा और उस पर पाखंड करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस ‘‘बुजुर्ग व्यक्ति’’ की वे पूजा करते हैं, वह तमिल को ‘‘बर्बर’’ भाषा बताते थे, जो भिखारियों को भीख पाने में मदद नहीं कर सकती।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भाषा विवाद को लेकर द्रमुक पर निशाना साधा और उस पर पाखंड करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस ‘‘बुजुर्ग व्यक्ति’’ की वे पूजा करते हैं, वह तमिल को ‘‘बर्बर’’ भाषा बताते थे, जो भिखारियों को भीख पाने में मदद नहीं कर सकती।
लोकसभा में सीतारमण ने कहा कि द्रमुक के लोग ऐसे व्यक्ति को अपना आदर्श मानते हैं, जिसने तमिल भाषा के खिलाफ 'अपमानजनक' बातें की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनका नाम नहीं लेना चाहती, लेकिन जैसे ही मैं उनके अंश पढ़ती हूं, तमिल भाषा से थोड़ा-बहुत भी अवगत कोई व्यक्ति समझ जाएगा कि मैं किसके बारे में बोल रही हूं।’’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इसके विपरीत, वे उनकी तस्वीर को रखेंगे। वे यह भी कहेंगे कि वह हमारे द्रविड़ प्रतीक हैं।’’ हालांकि भाजपा नेता ने उस ‘‘बुजुर्ग व्यक्ति’’ का नाम नहीं लिया, लेकिन वह स्पष्ट रूप से द्रविड़ आंदोलन के अग्रणी नेता पेरियार का जिक्र कर रही थीं।
सीतारमण ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि द्रमुक सांसदों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जंजीरों में जकड़े हुए दिखाने वाले कार्टून की निंदा तक नहीं की। उन्होंने कहा कि ‘विकटन प्लस’ के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित कार्टून (अब वापस ले लिया गया) के पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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मंत्री ने कहा, ‘‘...जब माननीय प्रधानमंत्री के बारे में कार्टून बनाया जाता है, तो क्या आप चाहते हैं कि हम सब बैठकर इसे देखें? निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी, और मुझे खुशी है कि विकटन का कार्टून हटा दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि अगर कोई तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ भी कहता है, तो उसे ‘‘आधी रात को गिरफ्तार कर लिया जाता है।’’
द्रमुक पर अपना हमला जारी रखते हुए सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी तमिल भाषा के बारे में दोहरे मानदंड रखती है। सीतारमण ने कहा कि सिर्फ यह कहने के लिए कि ‘‘आपका विरोध असभ्य है’’, उन्होंने (द्रमुक) शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को अपना बयान वापस लेने पर मजबूर कर दिया।
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वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन एक व्यक्ति जो बार-बार कहता है कि तमिल एक बर्बर भाषा है, वे उसकी तस्वीर हर कमरे में रखते हैं, उसे माला पहनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं और कहते हैं कि वह द्रविड़ आंदोलन का प्रतीक है। उनके पाखंड को देखिए।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 11 March 2025 at 23:20 IST