अपडेटेड 8 July 2024 at 14:16 IST

BREAKING: NEET UG पेपर लीक- 24 लाख स्टूडेंट्स दोबारा देंगे परीक्षा? SC में सबसे पहले इसी पर सुनवाई

NEET UG एग्जाम से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।

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supreme court regarding neet paper leak
supreme court regarding neet paper leak | Image: Sutterstock

NEET UG एग्जाम से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। कोर्ट ने अपनी सुनवाई की शुरूआत NEET की दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली याचिका से किया है। इस आधार पर परीक्षा की संपूर्णता को चुनौती देगा कि पेपर लीक हुई थी।

NEET UG पेपर लीक मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा की जारी है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा जो री टेस्ट की मांग की गई है। उन याचिकाओं पर पहले सुनवाई करेंगे। उसके बाद NTA को सुनेंगे।

NEET UG पेपर लीक मामले SC में सुनवाई 

55 छात्रों की तरफ से परीक्षा रद्द ना करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई का भरोसा दिया है। बता दें कि कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं सुनवाई होनी है। इस बाबत कोर्ट में 34 याचिकाएं दायर हैं। छात्र, टीचर्स,कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने ये याचिकाएं दायर की है। जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने दायर की है।

परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर SC में एक और याचिका

वहीं, एक और याचिकाकर्ता अब्दुल्ला मोहम्मद फैज ने NEET-UG परीक्षा मामले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।  हलफनामा में याचिकाकर्ता ने कहा है कि CBI  6 FIR में मामले की जांच कर रही है। जिसमें एक स्वयं द्वारा दर्ज की गई है और पांच राजस्थान, बिहार और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों से हैं। जिससे पता चलता है कि NEET पेपर लीक हो गया था और विभिन्न राज्यों में प्रसारित किया गया था।

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याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया सबूत हैं जो इस तथ्य को स्थापित करते हैं कि एनईईटी परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है और विभिन्न राज्यों में परीक्षा से पहले पेपर लीक हुआ था। नकल या पेपर लीक होने से न केवल छात्र प्रभावित होते हैं, बल्कि ये घटनाएं समाज पर बड़ा प्रभाव छोड़ती हैं। ऐसे में माननीय न्यायालय निष्पक्षता से सभी छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने का फैसला दें।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 8 July 2024 at 13:57 IST