अपडेटेड 15 February 2024 at 23:14 IST
DGCA ने बताया, जनवरी में फ्लाइट की देरी से लगभग 5 लाख यात्रियों को झेलनी पड़ी दिक्कत
इस साल जनवरी में उड़ानों में देरी होने से 4.82 लाख यात्री प्रभावित हुए जिसके मुआवजे के तौर पर एयरलाइन कंपनियों को 3.69 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े।
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इस साल जनवरी में उड़ानों में देरी होने से 4.82 लाख यात्री प्रभावित हुए जिसके मुआवजे के तौर पर एयरलाइन कंपनियों को 3.69 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। मासिक हवाई यातायात आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में घरेलू यात्रियों की संख्या पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 4.69 प्रतिशत बढ़कर 1.31 करोड़ हो गई। जनवरी, 2023 में घरेलू यात्री यातायात 1.25 करोड़ रहा था।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने उड़ानों में देरी के अलावा विभिन्न एयरलाइंस ने 1,374 यात्रियों को विमान में सवार होने से रोक दिया था। इसकी वजह से वैकल्पिक उड़ानों के इंतजाम और ठहरने एवं खानपान सुविधा देने पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च हुए।
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डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में उड़ानों के रद्द होने पर एयरलाइंस ने 68,362 यात्रियों को रिफंड और दोबारा बुकिंग की पेशकश के साथ 1.43 करोड़ रुपये भी हर्जाने के तौर पर दिए। घरेलू यात्री यातायात के मोर्चे पर पिछले महीने इंडिगो ने 79.09 लाख यात्रियों के साथ 60.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की। इसके बाद 15.97 लाख यात्रियों के साथ एयर इंडिया की 12.2 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 15 February 2024 at 23:14 IST