अपडेटेड 25 July 2024 at 19:46 IST

संसद में क्यों हुआ IAS पूजा खेडकर का जिक्र? NCP सांसद ने दिव्यांग कोटे का उठाया मुद्दा, की ये मांग

फौजिया खान ने कहा कि विभिन्न सेवाओं के लिए विकलांग लोगों के लिए पात्रता के अलग-अलग मानदंड हैं। इसका समाधान निकालना चाहिए।

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Fauzia Khan
एनसीपी सांसद फौजिया खान | Image: PTI

Parliament Session 2024 News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्यसभा सदस्य फौजिया खान ने लोक सेवा परीक्षाओं में दिव्यांग उम्मीदवारों को पेश आ रही चुनौतियों का मुद्दा बृहस्पतिवार को उच्च सदन में उठाया।

उच्च सदन में शून्यकाल में इसके महत्व को रेखांकित करने के लिए खान ने मांसपेशीय दुर्विकास (मस्कुलर डिस्ट्रॉफी) से पीड़ित एक उम्मीदवार कार्तिक कंसल के सामने आई कठिनाइयों का हवाला दिया, जिन्होंने चार बार संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को पास किया।

IAS पूजा खेडकर का जिक्र करते हुए क्या कहा? 

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हम पूजा खेडकर को देखते हैं जो यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा पास कर लेती हैं और झूठे दस्तावेजों के आधार पर पोस्टिंग हासिल कर लेती हैं। दूसरी तरफ, हम एक कार्तिक कंसल को देखते हैं जो चार बार यूपीएससी परीक्षा पास करता है और फिर भी सेवा से वंचित हो जाता है। कारण... मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की उनकी शारीरिक विकलांगता।’’

खान ने कहा कि कंसल की यूपीएससी रैंक 2021 में ही उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए योग्य बना सकती थी लेकिन उस समय पात्र शर्तों की सूची में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को मान्यता नहीं दी गई थी।उन्होंने कहा, ‘‘सिविल सेवा परीक्षाओं को पास करना एक उपलब्धि है। एक व्यक्ति के लिए इस उपलब्धि को कई बार हासिल करना और फिर केवल भेदभावपूर्ण प्रथाओं का सामना करना... यह व्यवस्था की कमियों की याद दिलाता है।’’

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‘विकलांग लोगों के लिए पात्रता के अलग-अलग मानदंड’

उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवाओं के लिए विकलांग लोगों के लिए पात्रता के अलग-अलग मानदंड हैं। खान ने कहा कि इसका समाधान मेडिकल बोर्डों के लिए समान दिशानिर्देशों को लागू करने, विसंगतियों को कम करने और निष्पक्ष मूल्यांकन करने में निहित है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन समायोजनों को करके, एक ऐसी प्रणाली बनाई जा सकती है जो हर उम्मीदवार का समर्थन करती हो और पूरी प्रक्रिया में निष्पक्षता और समावेशिता को बढ़ावा देती हो।’’ राकांपा नेता ने कहा कि एकसमान दिव्यांगता मूल्यांकन व्यवस्था की पैरवी की।

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फसल बीमा कवर के भुगतान में देरी का भी उठा मुद्दा

बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज ने शून्यकाल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कवर के भुगतान में देरी के कारण ओडिशा में किसानों के सामने आ रही समस्याओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह योजना फसल के नुकसान के समय किसानों को उनकी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और अनिश्चितताओं से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए बनाई गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, बीमा कंपनियों द्वारा भुगतान में लंबे समय तक देरी की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस योजना के तहत त्वरित और निष्पक्ष भुगतान की मांग करती रही है।

बीजद सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी के लगातार प्रयासों और किसानों की दुर्दशा के बावजूद, केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से प्राथमिकता देने में विफल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह लापरवाही केवल नौकरशाही की विफलता नहीं है, यह व्यवस्था में हमारे किसानों की आस्था और विश्वास के साथ विश्वासघात है।’’

मंगराज ने प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि फसल क्षति के आकलन के बाद भुगतान तेजी से किया जाए।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 25 July 2024 at 19:46 IST