अपडेटेड 17 December 2024 at 22:12 IST

NCERT की पाठ्यपुस्तकें 2025 से होंगी सस्ती, कक्षा 9-12 के लिए नई किताबें 2026 तक: धर्मेंद्र प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की कि कुछ कक्षाओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की पाठ्यपुस्तकों की कीमतें घटाई जाएंगी।

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Union Minister Dharmendra Pradhan
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान | Image: PTI

Dharmendra Pradhan: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को घोषणा की कि अगले साल से कुछ कक्षाओं के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों की कीमतें घटाई जाएंगी।

प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी मौजूदा समय में हर साल पांच करोड़ पाठ्यपुस्तकें छापती है और अगले वर्ष से इस क्षमता को बढ़ाकर 15 करोड़ करने की दिशा में काम किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए अद्यतन पाठ्यक्रम के अनुसार नयी पाठ्यपुस्तकें 2026-27 शैक्षणिक सत्र से उपलब्ध होंगी।

'पाठ्यपुस्तकों की कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी'

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनसीईआरटी अगले शैक्षणिक वर्ष में 15 करोड़ गुणवत्तापूर्ण और किफायती किताबें प्रकाशित करेगी... फिलहाल वह करीब पांच करोड़ पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करती है। पाठ्यपुस्तकों की मांग और आपूर्ति के संबंध में पहले कई चिंताएं रही हैं, लेकिन अब इनका समाधान किया जाएगा।’’

प्रधान ने कहा, ‘‘चूंकि, छपने वाली किताबों की संख्या अधिक होगी, तो कुछ कक्षाओं के लिए पाठ्यपुस्तकों की कीमतें कम की जाएंगी। किसी भी कक्षा की पाठ्यपुस्तकों की कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभिभावकों पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े।’’

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उन्होंने बताया कि नये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) के अनुसार, पाठ्यपुस्तकों को अद्यतन करने की प्रक्रिया जारी है। प्रधान ने कहा, ‘‘प्रक्रिया जारी है और नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकें शैक्षणिक सत्र 2026-27 तक तैयार हो जाएंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘15 में से सात ग्रेड के लिए नयी पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं और अगले शैक्षणिक वर्ष में चार और ग्रेड के लिए पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी। कला, शारीरिक शिक्षा और कल्याण (कक्षा 3-8) तथा व्यावसायिक शिक्षा (कक्षा 6-8) के लिए पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं। सभी अनुसूचित भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं और ऑनलाइन मंचों के माध्यम से सुलभ बनाई जा रही हैं।’’

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प्रधान ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों की संख्या 2014 में 14,974 से बढ़कर 2024 में 30,415 हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘दाखिला, स्थानांतरण और सीबीएसई से संबद्धता की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन है। केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई शत प्रतिशत ई-ऑफिस मंच पर काम कर रहे हैं। व्यावसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने वाले स्कूल 2014 में 960 से बढ़कर 2024 में 29,342 हो गए हैं। कौशल शिक्षा में छात्रों का नामांकन 2014 में 58,720 से बढ़कर 2024 में 30.8 लाख से अधिक हो गया है।’’

एक अलग संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान शिक्षा के बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘...जिसके कारण सात भारतीय संस्थान-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी मुंबई और आईआईटी मद्रास, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु तथा दिल्ली विश्वविद्यालय को प्रतिष्ठित क्यूएस विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में जगह मिली है।’’

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 17 December 2024 at 22:12 IST