अपडेटेड 12:40 IST, June 9th 2024
कौन हैं राममोहन नायडू, जो मोदी सरकार में बन सकते हैं सबसे युवा मंत्री...संभाल रहे हैं पिता की विरासत
राममोहन नायडू 2014 में 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से सांसद बने। उन्होंने 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में पहचान बनाई।

Who is Rammohan Naidu: तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के निर्वाचित सांसद राममोहन नायडू किंजरापु को नरेंद्र मोदी कैबिनेट 3.0 में मंत्री बनाया जा सकता है। राममोहन नायडू नई मोदी कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री हो सकते हैं। 36 साल के नायडू ने लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। उन्होंने 13 मई को हुए चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के तिलक पेराडा को 3.2 लाख वोटों के अंतर से हराया।
राममोहन नायडू अपने पिता, वरिष्ठ टीडीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री येरन नायडू की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। येरन नायडू को प्यार से 'येरन्ना' के नाम से जाना जाता था और वो 1996 में 39 साल की आयु में सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे। उन्होंने 1996-1998 तक संयुक्त मोर्चा सरकार में देवेगौड़ा और आईके गुजराल के मंत्रिमंडल में काम किया। साल 2012 में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। वो 4 बार संसद सदस्य रहे और उन्होंने लोकसभा में टीडीपी के संसदीय नेता के रूप में कार्य किया।
चंद्रबाबू नायडू के वफादार नेताओं में से एक राममोहन
अब 2012 में राजनीति में प्रवेश करने वाले राममोहन नायडू अपने पिता की तरह टीडीपी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू के सबसे वफादारों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने चंद्रबाबू के नेतृत्व वाली पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया। श्रीकाकुलम के सांसद एमबीए ग्रेजुएट हैं और उनके पास अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री है। उन्होंने आरके पुरम में दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।

26 साल की उम्र में बन गए थे सांसद
राममोहन नायडू ने 2014 में 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से लोकसभा सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यहां से उन्होंने 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में पहचान बनाई। वो निवर्तमान लोकसभा में टीडीपी के सदन नेता थे। अपने संसदीय कर्तव्यों के अलावा राममोहन नायडू ने कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थाई समिति के सदस्य का पद भी संभाला। इसके अलावा उन्होंने 16वीं लोकसभा में रेलवे और गृह मामलों की स्थायी समितियों, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की सलाहकार समिति, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति और राजभाषा विभाग के सदस्य के रूप में काम किया।

2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित
राममोहन नायडू को सांसद के रूप में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपनी पत्नी की गर्भावस्था के लिए 2021 के बजट सत्र के दौरान पैटरनिटी लीव लेने के उनके फैसले ने लैंगिक अधिकारों और शिक्षा पर स्वस्थ चर्चाओं को जन्म दिया। वो संसद में मासिक धर्म हेल्थ एजुकेशन और सेक्स एजुकेशन की वकालत करने वाले सांसदों में से एक हैं। उन्होंने सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया।
पब्लिश्ड 12:40 IST, June 9th 2024