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अपडेटेड October 29th 2024, 22:01 IST

UP में नेमप्लेट विवाद के बाद दिल्ली में एंट्री, नजफगढ़ सब्जी मंडी में दुकानदारों ने लिखे नाम; VIDEO

यूपी और उत्तराखंड के बाद राजधानी दिल्ली में भी दुकानों पर नेमप्लेट की पहल शुरू की गई है। नजफगढ़ की सब्जी मंडी पर रेहड़ी पटरी पर दुकानदारों ने नेमप्लेट लगाई है।

Reported by: Digital Desk
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Name Plate on Vegetable Shops in Delhi: यूपी में नेम प्लेट विवाद (Name Plate Controversy) काफी सुर्खियों में रहा था। कांवड़ यात्रा के समय कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों से अपने-अपने नाम लिखने को कहा गया था।

इस मुद्दे पर काफी बवाल भी मचा, जिसको देखते हुए बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस नेमप्लेट वाले आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब इसी तरह का मामला देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में सामने आया है। यहां बीजेपी ( BJP ) पार्षद अमित खरकड़ी (Amit Kharkhari) ने नेमप्लाट (Name Plate) पहल को शुरू किया है। 

नजफगढ़ सब्जी मंडी में लगाई गईं नेमप्लेट

दरअसल नजफगढ़ सब्जी मंडी (Najafgarh Sabzi Mandi) में दुकानों पर चाहे वो रेहड़ी पटरी पर ही क्यों न लगी हो, सब पर नेम प्लेट लगाई गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि ठेले वालों ने अपने नाम और फोन नंबर लिखे हुए हैं।

क्यों शुरू की गई ये पहल?

ये पहल नजफगढ़ (Najafgarh) से बीजेपी पार्षद अमित खरकड़ी (Amit Kharkhari) की ओर से की गई है। उनके आह्वान पर इस व्यवस्था पर अमल शुरू हो गया है। नजफगढ़ जोन की सब्जी मंडी में अब तक 150 रेहड़ियों पर नेमप्लेट लग चुकी हैं और आगे भी लगाई जा रही हैं। रिपब्लिक भारत से बात करते हुए नजफगढ़ के निगम पार्षद अमित खरखड़ी ने कहा कि ये नेमप्लेट सबकी मंजूरी से लगाई गईं हैं और इस मंडी के साथ-साथ सभी बाजारों में इस पहल को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि बेचने वाले का नाम पता सभी को मालूम रहे और कोई मिलावटी सामान न बेच सके।

अमित खरखड़ी ने कहा कि उन्हें कुछ शिकायतें मिलीं थीं कि यहां कुछ गलत तरह के लोग सब्जी का ठेला लगाते हैं। खरखड़ी के मुताबिक ये लोग बांग्लादेशी थे, जब उनसे उनकी जानकारी मांगी गई तो दोबारा यहां वापस नहीं आए। 

नजफगढ़ सब्जी मंडी में दुकानों पर नेमप्लेट
नजफगढ़ सब्जी मंडी में दुकानों पर नेमप्लेट

वहीं इस मामले पर रेहड़ी लगाने वालों और आम जनता का कहना है ये फैसला बेहद सराहनीय है क्योंकि कुछ दिनों से यहां रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी रेहड़ी लगाने आते थे, और जब हमने नेमप्लेट लगाने के लिए उन पर और डिटेल्स मांगा तो वो तबसे गायब हो गए

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पब्लिश्ड October 29th 2024, 22:01 IST