अपडेटेड 19 June 2024 at 16:12 IST
ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज से भी 600 साल पहले बना था नालंदा विश्वविद्यालय, 1600 साल पुराना है इतिहास
दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय का कायाकल्प हो चुका है। पीएम मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन किया है।
- भारत
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Nalanda University: 800 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत की विरासत और दुनिया के पुराने यूनिवर्सिटी नालंदा विश्वविद्यालय का कायाकल्प हो चुका है। नालंदा विश्वविद्यालय अपने नए स्वरुप में उभरकर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1600 साल पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन आज किया है। बता दें, नालंदा विश्वविद्यालय का 1600 साल पुराना इतिहास रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय तब से है जब ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे यूनिवर्सिटी अस्तित्व में भी नहीं आए थे।
नालंदा यूनिवर्सिटी का निर्माण गुप्त काल में किया 5वीं सदी में किया गया था। 7वीं सदी तक नालंदा यूनिवर्सिटी काफी प्रसिद्धि हासिल कर चुका था। नालंदा यूनिवर्सिटी बौद्ध मठ का हिस्सा था, जिसकी सीमा 57 एकड़ जमीन में फैली हुई थी।
ज्ञान का भंडार कहा जाता था नालंदा यूनिवर्सिटी
नालंदा यूनिवर्सिटी को ज्ञान का भंडार कहा जाता था। यहां इतनी किताबें थी, जिसे गिन पाना भी मुश्किल हो। 12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी ने इसे जला दिया था। आज कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसी यूनिवर्सिटी का बहुत नाम है, लेकिन इन विश्विद्यालयों के आने से 600 साल पहले नालंदा यूनिवर्सिटी बन चुका था।
यहां धार्मिक ग्रंथों के अलावा लिट्रेचर, थियोलॉजी, लॉजिक, मेडिसिन, फिलोसॉफी, एस्ट्रोनॉमी जैसे विषय का गहन अध्ययन कराया जाता था। कहा जाता है कि नालंदा यूनिवर्सिटी में जिन विषयों को पढ़ाया जाता था, उन विषयों के बारे में दुनिया के अन्य किसी विश्वविद्यालयों में नहीं पढ़ाया जाता था।
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अपने इलाज से नाखुश खिलजी ने लाइब्रेरी को लगाई थी आग
वैसे को इस विश्वविद्यालय को लेकर कई कहानिया कही जाती है। इनमें से एक ये है कि जब बख्तियार खिल्जी बीमार पड़ा था तो उसने यहीं पर अपना इलाज कराया था, लेकिन उसे इलाज पसंद नहीं आया और इस वजह से उसने पूरी यूनिवर्सिटी में आग लगा दी। महीनों तक यूनिवर्सिटी जलता रहा।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 19 June 2024 at 16:12 IST