अपडेटेड 12 July 2024 at 17:40 IST

मेरी बहू बहुत अच्छी थी सोचा नहीं...स्मृति के कीर्तिचक्र ले जाने की चर्चा पर बोलीं शहीद अंशुमन की मां

बेटे की शहादत और बहू के कीर्ति चक्र ले जाने पर शहीद कैप्टन अंशुमन की मंजू सिंह ने कहा कि मेरी बहू इतनी अच्छी थी, मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा दिन आएगा।

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Martyr Captain Anshuman wife Smriti and Mother Manju Singh
Martyr Captain Anshuman wife Smriti and Mother Manju Singh | Image: X- @rashtrapatibhvn

Caption Anshuman Singh: कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह का परिवार एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बेटे की शहादत का गम झेल रहे परिवार पर एक और मुसीबत आई है। मीडिया में चल रहीं खबरों के मुताबिक उनकी बहू स्मृति सिंह उनके बेटे के सम्मान में मिले मेडल को लेकर अपने मायके चली गई हैं।

बेटे की शहादत और बहू के कीर्ति चक्र माइके ले जाने पर शहीद कैप्टन अंशुमन की मंजू  सिंह ने कहा कि मेरी बहू इतनी अच्छी थी कि मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा दिन आएगा और एकदम से ऐसा क्या हुआ। अंशुमन के जाने के बाद एक मां का दर्जा भी अब मुझे नहीं दे रही है। राष्ट्रपति भवन में भी हमने बहुत कोशिश करी बात करने की, CO साहब मेरी बात कराने की कोशिश की लेकिन उसका एक ही जवाब था, हम स्टेबल हो रहे हैं, हमेशा साइलेंट करने के लिए सिर्फ एक ही जवाब था कि अभी मैं स्टेबल हो रही हूं, मुझको समय दीजिए।

एक मां के लिए सभी बच्चे समान होते हैं- अंशुमन की मां

शहीद कैप्टन अंशुमन की मां मंजु सिंह ने कहा कि एक मां के घर चार बच्चे हों या 14 बच्चे हो उनके लिए सारे बच्चे बराबर होते हैं। मां-बाप के लिए सभी बच्चे अहम होते हैं। वह हमारे लिए अंशुमन थे।

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मां ने बेटे को याद करते हुए कहा कि मैंने उसके जाते वक्त कहा भी कि 6 महीना तुम्हारे बगैर कैसे काटेंगे। लेह से सियाचिन तक 6 महीना लग जाएगा वापस आते आते लेकिन अंशुमन बोला कि नहीं मां तीन महीना लगेगा और वीडियो कॉल पर तो आपसे बराबर बात करता रहूंगा। मेरी अंशुमन से पढ़ाई को लेकर बात होती थी क्योंकि उनको PG करना था और यह बेहतर समय था उनके लिए पढ़ाई करने का।

मेरे बेटे को नॉनवेज बहुत पसंद था- अंशुमन की मां

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अंशुमन की मां ने बताया कि मेरा बेटा नॉनवेज ज्यादा खाता था इसलिए मैं बड़ा परेशान रहती थी वहां अंशुमन को नॉन वेज मिलता भी है कि नहीं लेकिन वह हमेशा मुझसे कहता था कि हमें बहुत मिलता है यहां पर, हम यहां खाते भी हैं। लेकिन उसके साथ का एक बच्चा अब वहां पर गया है वो बताता है कि वहां पर नहीं मिलता है।

मैं आंसू नहीं बहा रही क्योंकि बेटे के दुख होगा- अंशुमन की मां
 
वो मां को कभी दुखी नहीं करना चाहता था, मैं आज आंसू भी नहीं बहाती क्योंकि वो तो मुझे दुख होता है कि वो देख रहा होगा तो वो भी परेशान होगा और रोएगा।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 12 July 2024 at 17:40 IST