अपडेटेड 31 October 2025 at 07:51 IST

सरकारी प्रोजेक्ट, 2 करोड़ रुपए बकाए का आरोप और केमिकल...17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित की क्या थी डिमांड? मुंबई पुलिस ने मार दी गोली

मुंबई के पवई इलाके में आरए स्टूडियो में गुरुवार को रोहित आर्य नामक एक शख्स ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया था। पुलिस और स्पेशल कमांडोज के द्वारा किए गए ऑपरेशन में सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया है।

Follow : Google News Icon  
Mumbai Hostage Crisis Rohit arya
सरकारी प्रोजेक्ट, 2 करोड़ रुपए बकाए का आरोप और केमिकल...17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित की क्या थी डिमांड? मुंबई पुलिस ने मार दी गोली | Image: X

Mumbai Hostage Crisis: मुंबई के पवई इलाके में आरए स्टूडियो में गुरुवार को रोहित आर्य नामक एक शख्स ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया था। पुलिस और स्पेशल कमांडोज के द्वारा किए गए ऑपरेशन में सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया है। ऑपरेशन में गोली लगने के चलते आरोपी की मौत हो गई है। अब इस पूरे मामले में एक नया एंगल निकल कर सामने आ रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक रोहित ने बच्चों को बंधक बनाने के बाद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से बात करने की मांग की थी। 

पुलिस जांच में सामने आया कि रोहित आर्य की यह पूरी कार्रवाई उसके पुराने सरकारी भुगतान से जुड़े विवाद से जुड़ी थी। रोहित ने बंधक बनाने के बाद पुलिस को बताया कि वह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से बात करना चाहता है। उसका आरोप था कि शिक्षा विभाग ने उसके किए काम के पैसे (2 करोड़ रुपए)अब तक नहीं दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रोहित पुणे का रहने वाला था। उसे 2022 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान एक स्कूल सुधार परियोजना का टेंडर मिला था। 

उसका कहना था कि “माझी शाला, सुंदर शाला” योजना का खाका उसकी बनाई एक फिल्म से लिया गया था, लेकिन सरकार ने उस योजना को लागू करते समय न तो उसे भुगतान किया और न ही उसका श्रेय दिया। इस वजह से वह गंभीर मानसिक और आर्थिक संकट में था। रोहित ने इसी मुद्दे पर शिक्षा विभाग और तत्कालीन मंत्री के खिलाफ कई बार प्रदर्शन किया था। उस समय मंत्री केसरकर ने उसे आश्वासन दिया था कि उसकी मांगों पर विचार किया जाएगा। हालांकि बाद में वे फाइलें जांच के नाम पर रोक दी गईं और मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर का पक्ष

घटना के बाद पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रोहित आर्य पहले “स्वच्छता मॉनिटर” नामक योजना चला रहा था और उसने सरकारी अभियानों में भाग लिया था। विभाग के मुताबिक, उस पर कुछ बच्चों से सीधे शुल्क वसूलने के आरोप लगे थे, जिनका रोहित ने खंडन किया था। केसरकर ने यह भी कहा कि जब वे शिक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर रोहित की मदद की थी और उसे चेक के माध्यम से भुगतान किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोहित का 2 करोड़ रुपये का दावा गलत है, और अगर उसे कोई दिक्कत थी तो विभाग से बात कर समाधान निकालना चाहिए था, न कि इस तरह का कदम उठाना।

बच्चों को बनाया बंधक, जिंदा जलाने की दी धमकी

Advertisement

रोहित आर्या ने ऑडिशन के बहाने बुलाए गए 17 बच्चों को बंधक बना लिया। पूरा मुंबई शहर 3 घंटों तक सांसें रोके रहा। हर कोई बस यही दुआ कर रहा था कि बच्चे सुरक्षित बाहर आ जाएं। बच्चों को बंधक बनाने के बाद पोस्ट किए गए वीडियो संदेश में आर्या ने कहा, "मैं आतंकवादी नहीं हूं, न ही मैं पैसे मांग रहा हूं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं।" उसने यह भी बताया कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन अपनी जान लेने के बजाय, वह बंधक योजना के जरिए उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था जिनसे वह बात करना चाहता था।

उसने यह भी बताया कि उसके पास केमिकल है और वो स्‍टूडियो में आग लगा देगा। लेकिन मुंबई पुलिस ने एक बार फिर अपनी मुस्तैदी का परिचय दिया। बिना समय गंवाए, पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। पुलिस ने पहले रोहित से बातचीत करने की कोशिश की, उसे समझाने-बुझाने की कोशिश की। लेकिन जब बात नहीं बनी, तो पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। फोर्स एंट्री की गई और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान गोली लगने से रोहित की मौत हो गई।

Advertisement

इसे भी पढ़ें- ट्रंप का दौरा, CAA का विरोध और केंद्र में सत्ता परिवर्तन की साजिश... 2020 दिल्ली दंगे में पुलिस एफिडेविट में कई सनसनीखेज खुलासे

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 31 October 2025 at 07:51 IST