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Published 16:33 IST, September 4th 2024

'लेट आने पर टॉयलेट साफ करवाते हैं', भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में छात्राओं का जोरदार हंगामा,VIDEO

भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। छात्राओं का आरोप है कि यहां 5 मिनट की देरी पर टॉयलेट साफ करवाया जाता है।

Reported by: Digital Desk
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल में बच्चों ने भारी हंगामा किया। बच्चियों के हंगामे की वजह स्कूल की एक शिक्षिका को बताया जा रहा है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि केवल 5 मिनट की देरी होने की वजह से यहां छात्राओं से घास कटवाए जाते हैं, उन्हें बाथरूम साफ करने को कहा जाता है।

स्कूल में डिसीप्लिनरी एक्शन के खिलाफ छात्राओं का गुस्सा फूटा। स्कूल की एक टीचर वर्षा झा के खिलाफ सभी छात्राएं सड़कों पर बैठ गई। छात्राओं का कहना है कि 5 मिनट की देरी पर स्कूल में घास कटवाई जाती है, बाथरूम साफ करवाए जाते हैं। स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि बच्चियों को धूप में खड़ा रखा जाता है। 

स्कूल में है भारी अव्यवस्थाएं

छात्राओं ने शिकायत की है कि स्कूल में काफी अव्यवस्थाएं हैं। स्टूडेंट्स के पीने के लिए साफ पानी की सुविधाएं नहीं है। यहां तक कि स्कूल का बाथरूम भी साफ नहीं रहता है। वहीं भारी हंगामे के बीच पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। पुलिस छात्राओं को समझाकर स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। 

छात्राओं के आरोप पर टीचर का बयान

छात्राओं के आरोपों पर स्कूल टीचर वर्षा झा का कहना है, "यह सारे नियम स्कूल प्रबंधन ने बनाए हैं। मैं इस विषय पर बात नहीं करूंगी। आप प्रबंधन से पूछिए। प्रबंधन बच्चों से मन मुनव्वर में लगा हुआ है। बच्चे न्याय की मांग करते हुए स्कूल के बाहर बैठे हैं।"

पद से हटाई गईं वर्षा झा

वायरल वीडियो में छात्राओं को स्कूल में क्लास के फर्नीचर, पंखों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को नुकसान पहुंचाते हुए और खिड़कियों तथा दरवाजों के शीशे तोड़ते हुए देखा जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एनके अहिरवार ने पुष्टि की है कि विद्यालय की देखरेख राज्य मुक्त विद्यालय द्वारा की जाती है, और सेना की पूर्व कैप्टन वर्षा झा प्रशासन का प्रबंधन करती हैं। उन्होंने कहा कि हंगामे के बाद वर्षा झा को उनके पद से हटा दिया गया। एक छात्रा ने दावा किया, "सिर्फ इसलिए कि हम 10-15 मिनट देर से आए, स्कूल प्रशासन ने हमें जमीन से घास हटाने के लिए मजबूर किया और धूप में खड़ा किया।" उसने कहा कि कठोर सजा के कारण कुछ छात्राएं बेहोश हो गईं। 

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Updated 21:37 IST, September 4th 2024