अपडेटेड 12 April 2024 at 12:40 IST
ज्यादातर भारतीयों ने ‘मजबूत’ नेता का समर्थन किया: अध्ययन
UK Indian Voter Study: एक अध्ययन में पाया गया है कि ज्यादातर भारतीयों ने ‘मजबूत’ नेता का समर्थन किया और सरकार के कामकाज पर संतोष जताया।

UK Indian Voter Study: भारत की ज्यादातर आबादी एक ‘‘मजबूत’’ नेता चाहती है और वह राष्ट्रीय सरकार के कामकाज से संतुष्ट है। दुनिया के तीन सबसे बड़े लोकतंत्र समेत 19 देशों में मतदाताओं को लेकर किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस’ (इंटरनेशनल आइडिया) द्वारा बृहस्पतिवार को ‘लोकतंत्र की धारणाएं : दुनियाभर में लोकतंत्र का आकलन किए जाने के बारे में एक सर्वेक्षण’, नामक रिपोर्ट जारी की गयी। इंटरनेशनल आइडिया की स्थापना दुनियाभर में स्थायी लोकतंत्र का समर्थन करने के उद्देश्य से 1995 में की गयी थी।
भारत, अमेरिका, डेनमार्क, इटली, ब्राजील, पाकिस्तान और इराक समेत 19 देशों में सर्वेक्षण किया गया। ताइवान, चिली, कोलंबिया, द गाम्बिया, लेबनान, लिथुआनिया, रोमानिया, सेनेगल, सिएरा लियोन, सोलोमन आइलैंड्स, दक्षिण कोरिया और तंजानिया में भी सर्वेक्षण किया गया।
अध्ययन में कहा गया है कि जिन देशों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें लोग अपनी सरकारों से आम तौर पर संतुष्ट होने के बजाए अधिक अंसतुष्ट दिखाई दिए। हालांकि, ‘‘भारत और तंजानिया में लोग अपनी सरकारों के प्रति संतुष्ट दिखाई दिए।’’
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इसमें कहा गया है कि भारत और तंजानिया में क्रमश: 59 प्रतिशत और 79 प्रतिशत लोगों ने अपनी राष्ट्रीय सरकारों के प्रति संतोष या पूरी तरह संतोष जताया। अध्ययन के अनुसार, भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घरेलू स्तर पर स्वीकृति रेटिंग लंबे समय से 66 प्रतिशत या उससे अधिक पर बनी हुई है।
इसमें कहा गया है कि कई भारतीय एक ‘‘मजबूत’’ नेता चाहते हैं। 95 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘19 में से 8 देशों में अधिकतर लोग एक ‘मजबूत नेता’’ चाहते हैं। ऐसा कोई देश नहीं है जहां बहुसंख्यक उत्तरदाताओं के गैर-लोकतांत्रिक नेतृत्व के बारे में ‘बेहद प्रतिकूल’ विचार हों... उच्च स्तर के प्रतिनिधित्व वाले देशों में लोगों ने ‘मजबूत नेता’ का कम समर्थन किया लेकिन भारत और तंजानिया ने ‘मजबूत नेता’ का काफी समर्थन किया है।’’ यह अध्ययन भारत में इस साल जनवरी में और अन्य देशों में पिछले साल किया गया।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 12 April 2024 at 12:40 IST