अपडेटेड 24 May 2025 at 17:10 IST
ESIC Scheme: क्या हैं ईएसआई योजना के नियम, कौन-कौन से इलाज फ्री; मार्च महीने में ही जुड़े 16.33 लाख नए कर्मचारी
ईएसआईसी यानी ESIC ने मार्च 2025 के लिए पेरोल से जुड़ा ताजा डेटा जारी किया है। इससे कई अहम बातें सामने आईं। मार्च 2025 में 16.33 लाख नए कर्मचारी ईएसआई योजना से जुड़े हैं।
- भारत
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ESIC Scheme: कर्मचारी राज्य बीमा योजना यानी कि ESIC के हालिया आंकड़ों से पता चला है कि देश में मार्च 2025 तक 16.33 लाख लोग रजिस्टर्ड हुए हैं। मार्च महीने में ही ESIC स्कीम के लिए 31514 नई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन हुआ। ये आंकड़े बढ़ते रोजगार की तरफ भी इशारा करते हैं।
ईएसआईसी (ESIC) ने मार्च 2025 के लिए पेरोल से जुड़ा ताजा डेटा जारी किया है। इससे कई अहम बातें सामने आईं। मार्च 2025 में 16.33 लाख नए कर्मचारी ईएसआई योजना से जुड़े हैं। यानी इन लोगों को अब बीमारियों, चोटों, मातृत्व आदि पर ईएसआईसी से मदद मिलेगी। ESIC के मुताबिक, इस महीने 31514 नई कंपनियों ने भी ईएसआई योजना को अपनाया, जिससे इन कंपनियों में काम करने वाले और कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
युवाओं की भागीदारी कितनी रही?
जो 16.33 लाख लोग जुड़े हैं, उनमें से 7.96 लाख कर्मचारी 25 साल से कम उम्र के हैं। यानी करीब 49 फीसदी रजिस्ट्रेशन युवा कर्मचारियों का है। मार्च 2025 में 3.61 लाख महिलाओं ने भी रजिस्ट्रेशन कराया। इसके अलावा 100 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों ने भी ईएसआई योजना का हिस्सा बनकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। ईएसआईसी का कहना है कि ये डेटा अभी शुरुआती (अनंतिम) रूप में है, क्योंकि इसे लगातार अपडेट किया जाता है। यानी इसमें आगे थोड़े बदलाव हो सकते हैं।
मेडिकल की क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
ESIC कार्डधारकों को सरकार की तरफ से कई तरह की मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं। क्योंकि ये एक हेल्थ बीमा होता है। अहम ये है कि ESIC कार्डधारक व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य के इलाज पर खर्च की कोई सीमा नहीं है। इसके अलावा रिटायर और दिव्यांग कार्डधारक व्यक्ति और उसके जीवनसाथी को भी सालाना 120 रुपये टोकन के भुगतान पर मेडिकल सुविधा मिल जाती है।
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बीमारी के समय मिलने वाले फायदे: अगर कोई बीमाकृत कर्मचारी बीमार पड़ता है और डॉक्टर से इलाज का प्रमाण है तो उसे एक साल में ज्यादा से ज्यादा 91 दिनों के लिए उसकी सैलरी का 70 फीसदी पैसा नकद में दिया जाता है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि ESI कार्ड के बाद कर्मचारी ने पिछले 6 महीनों में कम से कम 78 दिन काम किया हो।
लंबी और गंभीर बीमारी पर मदद: अगर किसी कर्मचारी को 34 खास और गंभीर बीमारियों में से कोई बीमारी हो जाती है, तो उसे 2 साल तक उसकी सैलरी का 80 फीसदी तक पैसा दिया जा सकता है।
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गर्भावस्था के दौरान लाभ: अगर किसी महिला कर्मचारी ने पिछले साल में कम से कम 70 दिन काम किया हो तो उसे 26 हफ्तों (लगभग 6 महीने) तक पूरी सैलरी दी जाती है। अगर जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह पर 1 महीने की छुट्टी और मिल सकती है।
चोट लगने पर फायदा: काम के दौरान चोट लगने पर जब तक कर्मचारी ठीक नहीं होता, तब तक उसे हर दिन की सैलरी का 90 प्रतिशत पैसा दिया जाता है। इसमें दूसरा नियम ये भी है कि अगर कोई कर्मचारी हमेशा के लिए काम करने में असमर्थ हो जाता है तो उसे हर महीने उसकी सैलरी का 90 फीसदी मिलता है। ये फैसला मेडिकल बोर्ड करता है।
परिवार को फायदा: अगर किसी कर्मचारी की काम के दौरान मौत हो जाती है (चोट या दुर्घटना से) तो उसके परिवार को हर महीने उसकी सैलरी का 90 प्रतिशत दिया जाता है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 24 May 2025 at 17:10 IST