अपडेटेड 12 December 2025 at 16:12 IST
MGNREGA To PBGRY: मनरेगा का बदलेगा नाम, कैबिनेट की बैठक में लगी मुहर; जानिए अब क्या कहलाएगा
MNREGA का नाम पहले नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट था, जिसे बदलकर महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट किया गया था। अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार फिर से MNREGA का नाम बदलने जा रही है।
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MNREGA New Name : केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रामीण भारत की आर्थिक मजबूती और रोजगार गारंटी को मजबूत करने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। मनरेगा दुनिया की सबसे बड़े काम की गारंटी देने वाली योजनाओं में से एक है। इसे 2005 में मनमोहन सिंह की तत्कालीन केंद्र सरकार ने शुरू किया था।
MNREGA का नाम पहले नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट था, जिसे बदलकर महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट किया गया था। अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार फिर से MNREGA का नाम बदलने जा रही है। अब इस योजना को 'पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना' के नाम से जाना जाएगा। MNREGA योजना के तहत सरकार हर वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देती है।
क्या है MNREGA योजना?
2005 में लागू हुई MNREGA योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करने और ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम 100 दिनों तक रोजगार सुनिश्चित करने वाली एक ऐतिहासिक पहल थी। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हुई, जिसके तहत लाखों मजदूरों को सड़क निर्माण, जल संरक्षण और अन्य विकास कार्यों में रोजगार मिला है। पिछले दो दशकों में इस योजना ने करोड़ों परिवारों को गरीबी से उबारने में भूमिका निभाई है। कोविड-19 महामारी के दौरान इससे लाखों प्रवासी मजदूरों को घर वापसी के बाद रोजगार दिया गया था।
योजना का क्या नाम
कैबिनेट की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार, MNREGA को 'पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना' नाम दिया जाएगा। इस नाम में 'पूज्य बापू' शब्द महात्मा गांधी को समर्पित है, जो ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता के प्रतीक हैं। सरकार ने 100 के बजाए 125 दिनों के रोजगार की गारंटी का फैसला किया है। 125 दिनों की गारंटी से ग्रामीण मजदूरों की वार्षिक आय में 25% की वृद्धि हो सकती है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 12 December 2025 at 15:49 IST