अपडेटेड 16 March 2023 at 19:41 IST

अल्पसंख्यक श्रेणी के लिए जनसंख्या का न्यूनतम प्रतिशत अधिनियम में परिभाषित नहीं: सरकार

सरकार ने बताया कि अल्पसंख्यकों की श्रेणी के तहत शामिल होने के लिए आवश्यक जनसंख्या का न्यूनतम प्रतिशत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 में परिभाषित नहीं किया गया है।

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Minority News : सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा को बताया कि अल्पसंख्यकों की श्रेणी के तहत शामिल होने के लिए आवश्यक जनसंख्या का न्यूनतम प्रतिशत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 में परिभाषित नहीं किया गया है। लोकसभा में ढालसिंह बिसेन के प्रश्न के लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी। सदस्य ने पूछा था कि अल्पसंख्यक की परिभाषा क्या है और अल्पसंख्यकों की श्रेणी में शामिल किए जाने के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र वार न्यूनतम कितनी प्रतिशत जनसंख्या होना आवश्यक है।

ईरानी ने बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (ग) के अनुसार ‘‘अल्पसंख्यक’’ का अर्थ केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित समुदाय है। उन्होंने बताया, ‘‘अल्पसंख्यकों की श्रेणी के तहत शामिल होने के लिए आवश्यक जनसंख्या का न्यूनतम प्रतिशत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 में परिभाषित नहीं किया गया है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा कराई जाने वाली जनसंख्या में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द की पहचान नहीं की जाती है, लेकिन भारत के लोगों द्वारा घोषित धर्मों पर आंकड़े एकत्र किए जाते हैं।

ईरानी ने कहा कि सरकार कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यकों विशेषकर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कम विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों के कल्याण एवं उत्थान हेतु विभिन्न योजनाओं को लागू करती है।

Published By : Press Trust of India (भाषा)

पब्लिश्ड 16 March 2023 at 19:38 IST