अपडेटेड 22 November 2024 at 12:48 IST

जामा मस्जिद सर्वे पर मौलाना मदनी का छलका दर्द, कहा- 'गड़े मुर्दे मत उखाड़ो', बाबरी मस्जिद...

जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के संबंध में पैदा हुए विवाद और कोर्ट के सर्वे वाले आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

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Maulana Madani
मौलाना मदनी का छलका दर्द | Image: ANI

Sambhal Masjid and Mandir Controversy: जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के संबंध में पैदा हुए विवाद और कोर्ट के सर्वे वाले आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मौलाना मदनी ने कहा कि इतिहास के झूठ और सच को मिलाकर सांप्रदायिक तत्व देश की शांति और व्यवस्था के दुश्मन बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ने से देश की धर्मनिरपेक्ष बुनियादें हिल रही है। इसके साथ ही ऐतिहासिक संदर्भों को दोबारा वर्णित करने की कोशिशें राष्ट्रीय अखंडता के लिए किसी भी तरह से अनुकूल नहीं हैं।

मौलाना मदनी ने याद दिलाया कि देश ने बाबरी मस्जिद की शहादत सहन की है और उसके प्रभावों से आज भी जूझ रहा है। इसी पृष्ठभूमि में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 लागू किया गया था, ताकि देश मस्जिद-मंदिर विवादों का केंद्र न बनने पाए। सुप्रीम कोर्ट ने भी बाबरी मस्जिद मामले में निर्णय सुनाते हुए इस कानून को अनिवार्य बताया था, लेकिन अदालतें आज इसे नजरअंदाज कर के फैसले दे रही हैं। हर गुजरते दिन के साथ कहीं न कहीं मस्जिद का विवाद खड़ा किया जा रहा है और फिर 'सच्चाई जानने' के नाम पर न्यायालयों से सर्वेक्षण की अनुमति ली जाती है। इसके बाद इस सर्वे को मीडिया द्वारा दो समुदायों के बीच दीवार बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। मौलाना मदनी ने कहा कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन न्यायालयों को फैसला लेते समय यह जरूर देखना चाहिए कि, देश और समाज पर इसके क्या प्रभाव पड़ेंगे? 

'ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे…’- मौलाना

मौलाना मदनी ने आशा व्यक्त की मस्जिद इंतेजामिया कमेटी जामा मस्जिद की रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो जमीअत-ए-उलमा हिंद कानूनी कार्रवाई में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने देश के सभी नागरिकों से कानून-व्यवस्था की स्थापना के लिए धैर्य और सहनशीलता बनाए रखें और ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे सांप्रदायिक शक्तियों के षड्यंत्र कामयाब हों। 

पूरा केस क्या है? 

हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद के श्रीहरिहर मंदिर होने का दावा किया है। इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट ने पूरे परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने 29 नवंबर तक इसकी रिपोर्ट मांगी है। मंगलवार देर शाम टीम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद के अंदर सर्वे किया। पूरे परिसर की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। इस दौरान स्थिति काफी तनावपूर्ण दिखाई दी। सर्वे की जानकारी होते ही मुस्लिम पक्ष में नाराजगी फैल गई। लोग मस्जिद के इर्द-गिर्द और छतों पर जमा हो गए थे।  

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 22 November 2024 at 07:39 IST