अपडेटेड 27 April 2025 at 13:19 IST

अप्रैल का आखिरी रविवार, 108 साल पुराना इतिहास; मन की बात के सहारे ऐसे बिहार को साध गए PM मोदी

बिहार में कुछ महीनों में चुनाव हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावों से ठीक पहले एक ऐसा घटनाक्रम बताया, जिसका सीधा ताल्लुक बिहार के साथ ही है।

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PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | Image: X

Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए बिहार को कनेक्ट किया है। बिहार में कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावों से ठीक पहले एक ऐसा घटनाक्रम बताया है, जिसका सीधा ताल्लुक बिहार के साथ ही है। ये घटनाक्रम 108 साल पुराना है। अप्रैल महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया था और उन्होंने आज से करीब 108 साल पहले की देश में आजादी की एक अनोखी लड़ाई का जिक्र किया।

'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा- 'आज अप्रैल का आखिरी रविवार है। कुछ ही दिनों में मई का महीना शुरू हो रहा है। मैं आपको आज से करीब 108 साल पहले लेकर चलता हूं। साल 1917, अप्रैल और मई के यही दो महीने देश में आजादी की एक अनोखी लड़ाई लड़ी जा रही थी। अंग्रेजों के अत्याचार उफान पर थे। गरीबों, वंचितों और किसानों का शोषण अमानवीय स्तर को भी पार कर चुका था।'

चंपारण सत्याग्रह का जिक्र किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की उपजाऊ धरती पर अंग्रेज किसानों को नील की खेती के लिए मजबूर कर रहे थे। नील की खेती से किसानों के खेत बंजर हो रहे थे, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत को इससे कोई मतलब नहीं था। ऐसे हालात में 1917 में गांधी जी बिहार के चंपारण पहुंचे। किसानों ने महात्मा गांधी को बताया कि हमारी जमीन मर रही है, खाने के लिए अनाज नहीं मिल रहा है। लाखों किसानों की उस पीड़ा से गांधी जी के मन में एक संकल्प उठा। वहीं से चंपारण का ऐतिहासिक सत्याग्रह शुरू हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि 'चंपारण सत्याग्रह, ये बापू की ओर से भारत में पहला बड़ा प्रयोग था। बापू के सत्याग्रह से पूरी अंग्रेज हुकूमत हिल गई। अंग्रेजों को नील की खेती के लिए किसानों को मजबूर करने वाले कानून को स्थगित करना पड़ा । ये एक ऐसी जीत थी जिसने आजादी की लड़ाई में नया विश्वास फूंका। आप सब जानते होंगे इस सत्याग्रह में बड़ा योगदान बिहार के एक और सपूत का भी था, जो आजादी के बाद देश के पहले राष्ट्रपति बने। वो महान विभूति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद थे। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह पर एक किताब भी लिखी – ‘Satyagraha in Champaran’, ये किताब हर युवा को पढ़नी चाहिए।'

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पीएम मोदी ने बताया अप्रैल महीने का इतिहास

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अप्रैल में ही स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के कई और अमिट अध्याय जुड़े हुए हैं। अप्रैल की 6 तारीख को ही गांधी जी की दांडी यात्रा संपन्न हुई थी। 12 मार्च से शुरू होकर 24 दिनों तक चली इस यात्रा ने अंग्रेजों को झकझोर कर रख दिया था। अप्रैल में ही जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ था। पंजाब की धरती पर इस रक्तरंजित इतिहास के निशान आज भी मौजूद हैं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 27 April 2025 at 13:19 IST