अपडेटेड 27 December 2024 at 14:33 IST

'माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं मैं...मेरा इंतजार कर',जब सुषमा को मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में दिया जवाब, अब VIDEO VIRAL

मनमोहन सिंह ने अल्लामा इकबाल का शेर पढ़ते हुए जवाब दिया, 'माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं, तू मेरा शौक देख मेरा इंतजार देख।'

Follow : Google News Icon  
manmohan-singh-sushma-swaraj
जब सुषमा को मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में दिया जवाब | Image: X- Video

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) की रात को निधन हो गया। साल 1991 के दौरान पीवी नरसिम्हा राव सरकार में पहली बार वित्त मंत्री बनकर देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले मनमोहन सिंह ने 5 दशकों तक देश की सेवा की है। इस दौरान वो वित्त मंत्री के बाद 10 सालों तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे। वैसे तो मनमोहन सिंह एक प्रखर अर्थशास्त्री के तौर पर माने जाते हैं लेकिन शेर-ओ- शायरी में भी उनकी गहरी रुचि थी ये बात तो बहुत कम लोग ही जानते थे लेकिन लोकसभा में एक बार नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के साथ उन्होंने शायराना अंदाज में बात की थी। उनका ये वीडियो अब उनके निधन के बाद अचानक से सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

वैसे तो मनमोहन सिंह बहुत कम बोलते थे लेकिन जब वो बोलते थे तब उनके एक-एक शब्दों की अहमियत होती थी। बात 2011 की है जब सदन में विकीलीक्स वॉयर को लेकर चर्चा हो रही थी। तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के बीच शायराना अंदाज में हुई जुगलबंदी ने पूरे सदन के लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया। हालांकि अब ये दोनों ही नेता हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका ये वीडियो उस दौर की भी यादें ताजा कर देता है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने पीएम मनमोहन पर शहाब जाफरी की इन पंक्तियों को कोट करते हुए हमला बोला,'तू इधर उधर की बात न कर, ये बता काफिला क्यों लुटा, हमें रहजनों से गिला नहीं है, तेरी रहबरी का सवाल है।'


मनमोहन के जवाब से ठहाकों से गूंज उठा सदन

नेता प्रतिपक्ष के इस शायराना हमले का जवाब भी तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में ही दिया। मनमोहन सिंह ने अल्लामा इकबाल का शेर पढ़ते हुए जवाब दिया, 'माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं, तू मेरा शौक देख मेरा इंतजार देख।' जैसे ही मनमोहन सिंह ने इस शेर से सदन में जवाब दिया वैसे ही नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के चेहरे पर मुस्कान छा गयी और पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। हालांकि उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था कि मनमोहन सिंह की तरफ से ऐसे अंदाज में भी जवाब आ सकता है।


साल 2013 में राष्ट्रपति अभिभाषण के दौरान भी हुई शेर-ओ-शायरी

वहीं इसके बाद साल 2013 में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पक्ष और विपक्ष में हुई बहस के दौरान भी दोनों नेताओं ने शायराना अंदाज में एक-दूसरे से बातचीत की थी। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मिर्जा गालिब का शेर पढ़कर बीजेपी पर हमलावर अंदाज में निशाना साधा और कहा,'हमको उनसे है वफा की उम्मीद,जो नहीं जानते वफा क्या है'। इस शेर के जवाब में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा था कि शायरी का भी एक अदब होता है कि शेर का कभी उधार नहीं रखा जाता है। इसलिए मैं इसे चुकता करना चाहती हूं। इसके बाद सुषमा स्वराज ने कहा, 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता'। इसके बाद उन्होंने दूसरा कलाम यूं पढ़ा कि 'तुम्हें वफा याद नहीं, हमें जफा याद नहीं, जिंदगी और मौत के दो ही तो तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं एक हमें याद नहीं'।  साल 2019 में सुषमा स्वराज का निधन हो गया था और अब मनमोहन सिंह भी नहीं रहे।

Advertisement

यह भी पढ़ेंः आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन ने नए आर्थिक दौर को भी राह दिखाई

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 27 December 2024 at 14:32 IST