अपडेटेड 11 June 2024 at 17:07 IST
नई सरकार के गठन के साथ VIP सुरक्षा में बड़े बदलाव की उम्मीद, NSG-ITBP को हटाने की तैयारी में केंद्र
वीआईपी की सुरक्षा ड्यूटी से ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को पूरी तरह से हटाने के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को अब लागू किया जाएगा।
- भारत
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नये मंत्रियों के प्रभार संभालने और अत्यधिक जोखिम का सामना कर रहे एक दर्जन से अधिक व्यक्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएसजी एवं आईटीबीपी से अन्य अर्द्धसैनिक बलों को हस्तांतरित किये जाने के साथ, केंद्र सरकार की ‘वीआईपी’ सुरक्षा व्यवस्था में एक ‘‘बड़ा और आमूलचूल’’ बदलाव नजर आने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इस महत्वपूर्ण विषय की समीक्षा जल्द ही किये जाने की उम्मीद है और विभिन्न राजनीतिक हस्तियों, पूर्व मंत्रियों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों तथा कुछ अन्य लोगों को दिया गया सुरक्षा कवर या तो वापस ले लिया जाएगा, घटाया जाएगा या बढ़ा दिया जाएगा।
VIP सुरक्षा से ‘ब्लैक कैट’ कमांडो हटाने की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि अति विशिष्टि व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा ड्यूटी से ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को पूरी तरह से हटाने के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को अब लागू किया जाएगा और सभी नौ व्यक्तियों की ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई को सौंपी जाएगी।
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उन्होंने बताया कि इसी तरह से सीमा की पहरेदारी करने वाले बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों द्वारा कुछ वीआईपी को दी जा रही सुरक्षा सीआरपीएफ या केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) को सौंपी जा सकती है।
इन VIPs को मिली है NSG सुरक्षा
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एनएसजी कमांडो के निकट सुरक्षा बल द्वारा सुरक्षा पाने वाले लोगों में उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को भी एनएसजी कमांडो की सुरक्षा प्राप्त है।
ITBP इन VIP को देती है सुरक्षा
आईटीबीपी द्वारा सुरक्षा प्रदान किये जा रहे व्यक्तियों में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती तथा कुछ अन्य शामिल हैं।
एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा कार्यों से मुक्त करने की योजना 2012 से ही बनाई जा रही है, जब एनएसजी कमांडरों ने एक ऐसी स्थिति का अनुमान लगाया था जिसमें देश के विभिन्न स्थानों पर एक ही समय पर आतंकी हमले हो सकते हैं और कमांडो को विभिन्न दिशाओं में भेजना पड़ सकता है।
पीटीआई-भाषा ने जनवरी 2020 में अपनी खबर में कहा था कि गांधी परिवार - सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा - से एसपीजी (विशेष सुरक्षा दल) हटाने के बाद गृह मंत्रालय की एक समिति ने वीआईपी सुरक्षा कार्यों से एनएसजी को हटाने का फैसला किया।
अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में होगी तैनाती
केंद्र सरकार ने एनएसजी को नया रूप देने और इसके कर्मियों का उपयोग अयोध्या में राम मंदिर के निकट और देश के दक्षिणी भाग में स्थित महत्वपूर्ण संपदा के आसपास कुछ अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में कमांडो की ‘हमलावर टीम’ को तैनात करने का निर्णय लिया है।
वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाए जाने पर, दो दशक से अधिक समय बाद ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को इस दायित्व से मुक्त किया जाएगा।
आतंकवाद-रोधी और अपहरण-रोधी अभियान में लगेंगे जवान
केंद्र सरकार का मानना है कि एनएसजी को आतंकवाद-रोधी और अपहरण-रोधी अभियानों के विशिष्ट कार्यों को संभालने के अपने मूल उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अधिक जोखिम का सामना कर रहे वीआईपी की सुरक्षा का कार्य इसकी सीमित और विशेषज्ञ क्षमताओं पर ‘‘बोझ’’ साबित हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से एनएसजी को हटाये जाने के बाद लगभग 450 ‘ब्लैक कैट’ कमांडो के इस दायित्व से मुक्त होने की उम्मीद है।
200 से ज्यादा लोगों को सुरक्षा मुहैया करा रही CRPF- CISF
सीआरपीएफ और सीआईएसएफ वीआईपी सुरक्षा इकाइयां वर्तमान में 200 से अधिक लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। सीआरपीएफ को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गांधी परिवार के अलावा अन्य लोगों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि सीआईएसएफ के पास राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और अन्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 11 June 2024 at 16:58 IST