अपडेटेड 13 March 2024 at 13:28 IST
महाराष्ट्र कांग्रेस को तगड़ा झटका, वरिष्ठ नेता ने थामा भाजपा का दामन
महाराष्ट्र कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। एक बड़े लीडर ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है। अशोक चव्हाण का बाद ये जोर का दूसरा झटका लगा है।

Maharashtra Congress News: महाराष्ट्र कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। एक बड़े लीडर ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है। अशोक चव्हाण का बाद ये जोर का दूसरा झटका लगा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पद्माकर वलवी मुंबई में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और पार्टी नेता अशोक चव्हाण की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।
इसके बाद अशोक चव्हाण ने एक्स पोस्ट पर तस्वीर साझा कर खुशी जताई। बाद में मीडिया से बातचीत में दावा किया कि अभी कांग्रेस से और लोग भाजपा में शामिल होंगे। बोले- "जो लोग कांग्रेस में हैं वे अपना भविष्य नहीं देख सकते। कई लोग भाजपा में आने को तैयार हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, कई और लोग बीजेपी में शामिल होंगे... यह स्वाभाविक है कि CAA पर केरल और कर्नाटक की सरकारें बाधाएं पैदा करेंगी..."
क्या बोले- पद्माकर वलवी की
बीजेपी में शामिल होने के बाद पद्माकर वलवी ने कहा, ''बीजेपी के काम करने की गति, राज्य से लेकर केंद्र तक पार्टी की बनाई योजना लोगों तक पहुंचती है... इसका असर देखने को मिल सकता है। हम कांग्रेस के सच्चे कार्यकर्ता वर्षों से परेशान थे, मैं एक साल तक परेशान रहा... मुझे उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने का मौका मिलेगा...कांग्रेस में लोग वाकई परेशान हैं... कांग्रेस संगठन के प्रबंधन में कोई समन्वय नहीं है...पार्टी (बीजेपी) मुझे जो भी भूमिका सौंपेगी, मैं उसे निभाऊंगा।'
नंदुरबार कभी था कांग्रेस का गढ़
पद्माकर वलवी नंदुरबार जिले से 3 बार विधायक रहें हैं। वे उत्तर महाराष्ट्र के बड़े कांग्रेस नेता हैं और कांग्रेस-एनसीपी की पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। नंदुरबार में ही 12 मार्च को राहुल गांधी पहुंचे और अपनी यात्रा को विराम दिया था। उसके अगले ही दिन बड़ा झटका लगा। गांधी फैमिली के लिए ये सीट सालों से अहम रही है। सोनिया गांधी ने भी यहीं से राजनीतिक पारी का आगाज किया था। नंदुरबार एसटी सीट एक संसदीय क्षेत्र है। पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी भी अपने अभियान की शुरुआत यहीं से करते रहे। 1967, 2014 और 2019 में ही पार्टी यहां से हारा था।
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Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 13 March 2024 at 11:09 IST