अपडेटेड 26 March 2024 at 11:09 IST

महाराज देवकीनन्दन ठाकुर भी हुए बाल कथावाचक अभिनव अरोड़ा के मुरीद, भक्त ध्रुव से की तुलना

सोशल मीडिया पर अपनी कृष्ण भक्ति के लिये ट्रेंड में रहने वाले बाल कथावाचक अभिनव अरोड़ा को आज कौन नहीं जानता।

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Abhinav Arora
Abhinav Arora | Image: Instagram

सोशल मीडिया पर अपनी कृष्ण भक्ति के लिये ट्रेंड में रहने वाले बाल कथावाचक अभिनव अरोड़ा को आज कौन नहीं जानता। अभिनव मात्र 9 वर्ष के हैं और देश के सबसे कम उम्र के आध्यात्मिक वक्ता हैं। होली पर अपनी ब्रज यात्रा के दौरान अभिनव प्रियाकांत जू मंदिर में देवकीनन्दन जी से मिलने पहुँचे। इस मुलाक़ात का वीडियो देवकीनन्दन जी के आधिकारिक यूट्यूब और इंस्टाग्राम चैनल पर डाला गया है। इसमें दोनों एक साथ आध्यात्मिक चर्चा करते हुए देखे जा रहे हैं। दोनों ने एक साथ कुछ भजन भी गुनगुनाये। इस दौरान देवकीनन्दन ठाकुर जी ने अभिनव के कार्यों की प्रशंसा की और उनके भक्ति भाव की तुलना भक्त ध्रुव से की।

इस मुलाक़ात को श्री कृष्ण जन्मभूमि आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है। जब इस बारे में अभिनव अरोड़ा की टीम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया की ये एक आत्मीय मुलाक़ात थी और वह सिर्फ़ महाराज जी से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने गये थे। अपनी ब्रज यात्रा के दौरान अभिनव कई संतों और कथावाचकों से मिलते रहते हैं।

ज्ञात रहे कि अभिनव राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल सबसे कम उम्र के बालक थे। पिछले साल कैबिनेट मंत्री श्री नितिन गड़करी ने अभिनव को भारत के सबसे कम उम्र के आध्यात्मिक वक्ता के तौर पर पुरस्कृत किया था। अभिनव के इंस्टाग्राम पर 765000 फॉलोवर हैं जिन्हें अभिनव कई मंदिरों से लाइव दर्शन कराते हैं। अभिनव का गौ प्रेम जगज़ाहिर है और अपने कई वीडियो में वह गायों को चारा खिलाते और उन्हें दुलारते दिखते हैं।

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अभिनव प्रसिद्ध मोटीवेशनल स्पीकर और व्यवसायी तरुण राज अरोड़ा (Tarun Raj Arora) के पुत्र हैं। अपने विद्यालय की वर्दी के अलावा अभिनव हमेशा धोती-कुर्ता पहनते हैं। उनसे जब पूछा जाता है कि आप ऐसे वस्त्र क्यों पहनते है तो  वह कहते हैं कि जब वो वृन्दावन जातें है और विदेशी लोगो को ये सब पहने देखते हैं तो उन्हें लगता है की ये सब विदेशी होकर ये पहन सकते हैं तो हम भारतीय होकर क्यों नहीं? इसलिए वो 6 वर्ष की उम्र से इसी वेश भूषा में रहते हैं। वह गुरुकुल जाना चाहते हैं। अभिनव का कहना है कि जब राम जी, कृष्ण, अर्जुन सभी गुरुकुल गए थे तो मेरा मन भी करता है की मैं भी गुरुकुल से ही शिक्षा प्राप्त करूँ। मेरा मानना है कि एक अच्छे इंसान का निर्माण गुरुकुल में ही होता है। लेकिन उनकी मैया और पिताजी उनको ख़ुद से दूर नहीं होने देना चाहते इसलिए वो दिल्ली के एक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हैं।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 26 March 2024 at 09:06 IST