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Published 16:19 IST, August 31st 2024

MP : ट्रांसफर से बचने के लिए शिक्षकों ने खुद को बता दिया ब्रेन ट्यूमर का मरीज, जांच हुई तो खुली पोल

रीवा के बदराव गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरांव के 11 शिक्षकों ने ट्रांसफर से बचने के लिए खुद को झूठा ब्रेन ट्यूमर की बीमारी का मरीज बना रखा था।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Deepak Gupta
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Government Higher Secondary School
Government Higher Secondary School | Image: Republic

MP NEWS:  मध्य प्रदेश के रीवा जिले में शिक्षा विभाग के जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया है, यहां जिले के बदराव गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरांव के 11 शिक्षकों ने ट्रांसफर से बचने के लिए खुद को झूठा ब्रेन ट्यूमर सहित अन्य बीमारी का मरीज बना रखा था।

हैरान कर देनी वाली बात यह है की जिन शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित कागजों में बताया गया है वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सभी शिक्षकों का मेडिकल चेकअप के लिए बोर्ड बैठाने का फैसला लिया है। जिसके बाद हड़कंप मच गया, शिक्षकों ने यह लिखकर दिया है की उन्हे ऐसी कोई बीमारी नहीं है।

ट्रांसफर से बचने के लिए बनाया बीमारी का बहाना

मध्य प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर निरंतर गिरने की वजह एक के बाद एक सामने आती ही रही है। दरअसल 2022 में ट्रांसफर नीति आई थी, इसमें गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों को ट्रांसफर से छूट दी गई है। तबादले से बचने के लिए कुछ शिक्षकों ने जानबूझकर बदमाशी की और पोर्टल पर गलत फीडिंग करा ली।

सिस्टम में बीमार, अब पूरी तरह स्वस्थ्य होने का दावा

रीवा जिले के बदरांव में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदराव के 11 शिक्षक ब्रेन ट्यूमर सहित अन्य बीमारी के मरीज बताए गए। हैरानी की बात यह है कि जिन शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारी होना बताया गया वो शिक्षक खुद को पूरी तरह से स्वस्थ होने का दावा करने लगे और सभी ने आवेदन पत्र बनाकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया।

डीएम ने लिया शिक्षकों का मेडिकल प्रशिक्षण के बोर्ड का फैसला

सवाल यह है कि जब 2022 से इन शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर बीमारी बताकर हवाला दिया गया तो अभी तक किसी अधिकारी ने इस बात की जांच क्यों नहीं की। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल का कहना है की हमारे यहां जो शिक्षक हैं कोई भी ऐसी बीमारी से ग्रसित नहीं है ऐसा उन्होंने लिख कर भी दिया है। यह कोई सिस्टम और कंप्यूटर की गड़बड़ी है या फिर जानबूझ कर किया गया जिसमें इनको पीड़ित बताया गया है यह जांच का विषय है। उन्होंने खुद से आवेदन बनाकर भी संबंधित अधिकारियों को सूचना दी है कि हमें किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है। वहीं जब मामला रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के संज्ञान में आया तो उन्होंने आनन-फानन में ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित बताए गए सभी शिक्षकों का मेडिकल प्रशिक्षण के लिए बोर्ड बैठाने का फैसला ले लिया।

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Updated 16:19 IST, August 31st 2024