अपडेटेड 25 November 2025 at 16:36 IST
'जब तक मेरे बेटे का ब्राह्मण की बेटी से संबंध नहीं बने तबतक आरक्षण...', IAS संतोष वर्मा के बयान पर मचा बवाल, तो मारी पलटी, पूरा मामला
IAS Santosh Verma का एक वीडियो वायरल होने के बाद काफी आक्रोश फैल गया, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण बेटियों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी। संतोष वर्मा को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी का दान नहीं करता या मेरे बेटे के साथ रिश्ता नहीं बनाता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।"
- भारत
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MP News : भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समुदाय की बेटियों पर ओछा बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। मध्य प्रदेश में आरक्षण नीति को लेकर IAS संतोष वर्मा का बयान विवादों के केंद्र में आ गया है। विवाद खड़ा होने पर अब उन्होंने अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांगी है।
अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (AJJAKS) के राज्य अध्यक्ष संतोष वर्मा ने आरक्षण को आर्थिक आधार पर देने की वकालत करते हुए ब्राह्मण समाज की बेटियों का जिक्र किया, जिसे कई संगठनों ने महिलाओं और समाज के सम्मान के खिलाफ माना। इस बयान के बाद अलग-अलग ब्राह्मण संगठनों ने कार्रवाई की मांग तेज कर दी है, जबकि संतोष वर्मा ने अपना बचाव करते हुए माफी मांग ली है।
'संबंध नहीं बने तबतक आरक्षण...'
AJJAKS की राज्य इकाई की एक बैठक में संतोष वर्मा ने कहा, "अगर मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो गया हूं और सामाजिक रूप से पिछड़ा नहीं रहा, तो मेरे बच्चों को समाज से 'रोटी-बेटी' का व्यवहार मिलना चाहिए।" उनका इशारा ब्राह्मण समाज की ओर था, जहां उन्होंने दावा किया कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक 'ब्राह्मण बहू का दान' न मिल जाए। उन्होंने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा-
“आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता।”
उन्होंने पूर्ण 'रोटी-बेटी' समानता, यानी सभी जातियों के बीच भोजन और विवाह साझा करने की समानता हासिल होने तक जाति-आधारित आरक्षण जारी रखने की वकालत की थी। ब्राह्मण समूहों ने इस टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे अभद्र और अपमानजनक बताया। सरकार से FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
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विवाद होने पर मांगी माफी
मध्य प्रदेश AJJAKS की बैठक 23 नवंबर को भोपाल के अंबेडकर पार्क में हुई थी। बैठक के दौरान संतोष वर्मा ने यह बयान दिया था। विवाद होने के बाद IAS अधिकारी ने कहा कि "उनका कभी भी किसी समुदाय या धर्म का अपमान करने का इरादा नहीं था। अगर मेरी बात से किसी महिला या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची, तो मैं क्षमा मांगता हूं। कुछ लोग मेरे पूरे भाषण का सिर्फ एक हिस्सा फैला रहे हैं, जो साजिश का हिस्सा लगता है।"
संतोष वर्मा ने कहा कि "कुछ लोगों का मानना था कि अगर कोई IAS अधिकारी बन गया है तो परिवार के किसी अन्य सदस्य को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए । इस पर बोलते हुए मैंने कहा था कि अगर मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हूं और मेरा सामाजिक पिछड़ापन खत्म हो गया है, तो मेरे बच्चों और हमारे समुदाय को समाज से रोटी-बेटी का दर्जा मिलना चाहिए। लेकिन मेरे संबोधन से केवल एक खास बात प्रचारित की गई।"
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माफी के बावजूद विरोध का दौर
संतोष वर्मा ने अपने बयान पर माफी मांग ली है। इसके बावजूद ब्राह्मण संगठनों ने इसे बर्दाश्त नहीं किया। परशुराम सेवा संगठन ने भोपाल कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने और तत्काल कार्रवाई की मांग की गई। संगठन का कहा है कि "यह बयान न केवल जातिवादी है, बल्कि हिंदू एकता को तोड़ने की कोशिश है। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि टिप्पणी से पूरे समुदाय की भावना आहत हुई है।
सीएम से कार्रवाई की मांग
विवाद बढ़ते ही अलग-अलग संगठनों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से संतोष वर्मा पर सख्त कार्रवाई की मांग की। BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कुछ जातिवादी तत्व हिंदू एकता को भंग करना चाहते हैं, लेकिन अपराधी मानसिकता कभी सफल नहीं होगी। सनातन धर्म की एकता अटल है। हिंदू एक था, एक है और एक रहेगा। सभी बेटियों का सम्मान है और वे सुरक्षित हैं।”
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 25 November 2025 at 16:36 IST