अपडेटेड 6 January 2024 at 06:51 IST
माता सीता की प्यास बुझाने के लिए श्री राम ने तीर चलाकर निकाल दी थी पानी की धार, अब बनेगा मंदिर
मध्य प्रदेश के खंडवा में माता सीता के मंदिर का निर्माण किया जाएगा। ये वो स्थान है जहां श्री राम ने मां सीता की प्यास बुझाने के लिए तीर से पानी की धार निकाली थी।
- भारत
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भगवान श्री राम के वनवास के दौरान जब माता सीता को प्यास लगी थी तो भगवान ने अपनी तीर से पहाड़ में छेद करके पानी की धारा निकाली थी। यह पावन स्थान मध्य प्रदेश के खंडवा में है। एमपी में रामेश्वर कुंड और सीता बावड़ी अत्यधिक प्राचीन स्थान है। यहां माता सीता की एक छोटी सी मंदिर भी है, जो काफी पुराना है। इस स्थान को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं। वहीं अयोध्या में श्री राम मंदिर के बनने के बाद अब यहां पर माता सीता के मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा।
खबर में आगे पढ़ें:
- खंडवा में बनेगा माता सीता का मंदिर
- समाजसेवी ने मंदिर बनाने का लिया संकल्प
- खांडव वन में यहां आये थे भगवान राम
खंडहर हो चुके इस मंदिर एक समाजसेवी ने फिर से बनाने का संकल्प लिया है। रामेश्वर कुंड क्षेत्र में सीता जी का मंदिर बनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के समय खण्डवा यानि खांडव वन में यहां आये थे। भगवान श्री राम, सीता माता और लक्ष्मण उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवेश कर रहे थे। तब एक दिन खांडव वन (खंडवा) में रुके थे, आसपास घना जंगल था और पानी कहीं नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में सीता मैया की पानी की प्यास बुझाने के लिए भगवान श्री राम ने तीर चला कर जल स्रोत की धारा निकाली थी।
रामेश्वर कुंड के नाम से प्रसिद्ध है जगह
आज इस जगह को रामेश्वर कुंड, सीता बावड़ी और सीता मंदिर के नाम से जाना जाता है। हालांकि इस स्थान पर बना मंदिर पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। यह स्थान पवित्र और पूजनीय है।
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काफी प्राचीन है सीता बावड़ी
ऐतिहासिक सीता बावड़ी काफी प्राचीन है और आज भी उसमें साफ पानी दिखाई देता है। गर्मी में भी यहां पानी रहता है। हालांकि, रखरखाव के अभाव में सीता बावड़ी की चमक खोती जा रही है। सीता बावड़ी के पास ही एक प्राचीन सीता माता का मंदिर भी है, जिसमें माता सीता के साथ लक्ष्मी नारायण, भोले बाबा भी विराजमान हैं।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए यह आवश्यक है कि सीता बावड़ी के साथ इस मंदिर का जीर्णोद्धार हो ताकि श्रद्धालु यहां आकर दर्शन कर सकेंगे और इसकी महिमा को भी जान सकेंगे।
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एक ओर जहां 500 वर्ष बाद भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार है और इस मंदिर में रामलला 22 जनवरी को विधि विधान से विराजमान होंगे, खंडवा में स्थित इस मंदिर के नवीनीकरण के लिए एक समाजसेवी ने सहमति प्रदान की है। समाजसेवी रितेश गोयल ने कहा कि हमारा सौभाग्य होगा कि अयोध्या में जहां भगवान श्री राम विराजमान होंगे वहीं रामेश्वर की यह स्थली जहां भगवान राम सीता ने कदम रखा था, वहां सीता मंदिर का निर्माण होता है तो यह एक पुण्य कार्य होगा। रामेश्वर कुंड क्षेत्र में सीता मन्दिर के पास अति प्राचीन शिव मंदिर राम दरबार ,हनुमान मंदिर, साई मंदिर गायत्री माता मंदिर और परशुराम जी का भी मंदिर स्थापित है।
Published By : Arpit Mishra
पब्लिश्ड 5 January 2024 at 23:25 IST