अपडेटेड 3 October 2025 at 19:19 IST
BREAKING: कफ सिरप में नहीं मिला जहरीला तत्व, सैंपल जांच के बाद कंपनी को क्लीन चिट; 11 बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा अपडेट
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत पर बड़ी जानकारी दी है। सैंपल जांच के बाद कंपनी को क्लीन चिट दे दी है।
- भारत
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मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरफ पीने से बच्चों की मौत पर बड़ी जानकारी सामने आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के बाद उन सिरप कंपनी को क्लीन चिट दे दी है, जिससे इन बच्चों की मौत की बात कही जा रही थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार, जिन कप सिरप से बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा था, उनमें कोई जहरीला तत्व नहीं निकला है। जिसके बाद कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है, "हाल ही में आई उन रिपोर्टों के मद्देनजर, जिनमें कहा गया था कि मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत कफ सिरप के सेवन से हुई है, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) आदि के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय में विभिन्न कफ सिरप के नमूनों सहित कई नमूने एकत्र किए गए।"
सैंपल जांच के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा?
स्वास्थ्य ने बताया कि परीक्षण के परिणामों के अनुसार, "किसी भी नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) नहीं था, जो ऐसे संदूषक (CONTAMINATING) हैं जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (SFDA) ने भी तीन नमूनों का परीक्षण किया और डीईजी/ईजी की अनुपस्थिति की पुष्टि की। इसके अलावा एनआईवी पुणे द्वारा सामान्य रोगाणुओं के लिए रक्त/सीएसएफ के नमूनों का परीक्षण किया गया है। एक मामला लेप्टोस्पायरोसिस के लिए पॉजिटिव पाया गया है।"
बच्चों की मौत के सटीक कारणों का पता नहीं-परासिया SDM
वहीं, परासिया SDM शुभम यादव ने कहा, "परासिया विकासखंड में अब तक नौ बच्चों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट में किडनी फेल होने की बात कही गई है, लेकिन सटीक कारण अज्ञात है। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनके आस-पास के इलाकों के पानी की जांच कराई गई। दिल्ली और भोपाल से टीमें आईं और चूहों व अन्य रोगाणुओं के नमूने एकत्र किए जो रोगवाहक हो सकते हैं। उन सभी नमूनों की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। जिला स्तरीय बैठक में पता चला कि दोनों सिरप दूषित हो सकते हैं। इसलिए, इसके आधार पर, बच्चों की जान को ध्यान में रखते हुए, कुछ दिनों के लिए उन सिरप पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की गई। ड्रग इंस्पेक्टरों की एक टीम पहुंच गई है और नमूने एकत्र कर रही है। एक सप्ताह में रिपोर्ट आ जाएगी। "
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कंपनी को मिली क्लीन चिट
वहीं, राजस्थान में भी कथित तौर पर कप सिरफ पीने से बच्चों की मौत मामले में बड़ी जानकारी सामने आई। स्वास्थ्य मंत्री ने पुष्टि की है कि बच्चों की मौत सिरप पीने से नहीं हुई थी। जांच में दवा को मानक स्टैंडर्ड क्वालिटी अनुसार माना गया। पूरे मामले में सीकर, भरतपुर, झुंझुनू से सैंपल लिए गए थे, जिस पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई। सरकार की जांच में कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई है।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 3 October 2025 at 17:51 IST