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Published 15:03 IST, September 8th 2024

शहरों में लोक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए "वंदे मेट्रो" पर टिकीं मप्र सरकार की निगाहें

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में लोक परिवहन की सुविधाएं बढ़ाने के लिए "वंदे मेट्रो" की परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा।

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Madhya Pradesh government eyes set on Vande Metro to promote public transport in cities
Madhya Pradesh government eyes set on Vande Metro to promote public transport in cities | Image: PTI

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में लोक परिवहन की सुविधाएं बढ़ाने के लिए "वंदे मेट्रो" की परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है। यादव ने इंदौर में जारी विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘हम प्रदेश में शहरी लोक परिवहन को वंदे मेट्रो तक ले जाने की बात कर रहे हैं। मौजूदा मेट्रो रेल अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है, जबकि पहले से बनी ब्रॉडगेज लाइन पर चलने वाली वंदे मेट्रो रेल 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार हासिल कर सकती है।’’

उन्होंने भरोसा दिलाया कि उज्जैन में वर्ष 2028 में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले इस शहर को इंदौर के साथ मेट्रो रेल के जरिये जोड़ दिया जाएगा। यादव इंदौर के प्रभारी मंत्री हैं। उन्होंने जिले के विकास कार्यों को लेकर पहली बार प्रभारी मंत्री के तौर पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में मेट्रो परियोजना के तहत पहले से चल रहे कामों की गति बढ़ाई जाएगी और शहर में यातायात की समस्या दूर करने के लिए "एलिवेटेड" सड़कें बनाई जाएंगी। यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिलों के हिस्सों को मिलाकर मेट्रोपोलिटन प्राधिकरण बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने बताया,‘‘हमने प्रदेश के चार महानगरों में मेट्रोपोलिटन प्राधिकरण बनाने का खाका तैयार किया है। हालांकि, इस सिलसिले में सबसे अच्छी व्यवहार्यता रिपोर्ट इंदौर और उज्जैन के बारे में आई है। बाकी महानगरों में भी मेट्रोपोलिटन प्राधिकरण बनाए जाएंगे।’’

यादव ने बताया कि उन्होंने समीक्षा बैठक में अफसरों को निर्देश दिए कि इंदौर के शहरी और ग्रामीण निकायों के बीच तालमेल बढ़ाकर सुनियोजित विकास सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने बताया,‘‘इंदौर नगर निगम की सीमा में वर्ष 2012 में 29 गांव जोड़े गए थे। इन गांवों में पेयजल, सड़क, सीवेज और अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जन प्रतिनिधियों ने अलग-अलग सुझाव दिए हैं।’’

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में आला अफसरों के साथ ही सूबे के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी और शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मौजूद थे।

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Updated 15:03 IST, September 8th 2024