अपडेटेड 25 August 2023 at 12:12 IST
मधुमिता हत्याकांड: लव-अबॉर्शन-पॉलिटिक्‍स का वो कॉकटेल, जिससे हिल गया था यूपी और अमरमणि गए थे जेल
साल 1999 का नवंबर महीना, खूबसूरत और युवा मधुमिता अमरमणि त्रिपाठी से पहली बार मिली थी।
- भारत
- 2 min read

साल 2003 में उत्तर प्रदेश में हुए देश के बदनाम मधुमिता हत्याकांड की फिर चर्चा होने लगी है। कारण है इस कांड के हाई प्रोफाइल मुजरिम पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा करने के आदेश दे दिए गए हैं। दोनों को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। दोनों 16 साल से अधिक समय से जेल की चारदीवारों में कैद थे। आज गोरखपुर जेल से उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
खबर में आगे पढ़ें-
- 9 मई, 2003 को हुई थी मधुमिता शुक्ला की हत्या
- मधुमिता कवि सम्मेलनों के साथ-साथ राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए पसंदीदा बन गई थीं
- लव, सेक्स और पॉलिटिक्स के कॉकटेल बनी हत्या की वजह
- जिस वक्त हत्या हुई प्रेग्नेंट थी मधुमिता शुक्ला
आपको बता दें कि अमरमणि त्रिपाठी का नाम यूपी के बाहुबली नेताओं में आता था। एक समय था जब पूर्वी यूपी में उनका खासा रसूख था। यूपी की राजनीति में वो कभी सपा तो कभी बसपा और कमल के फूल के साथ रहकर सत्ता का सुख भोगते रहे, लेकिन मधुमिता हत्याकांड के बाद उनकी सितारे गर्दिश में जाते चले गए।
पहले जान लीजिए कौन थी मधुमिता शुक्ला
Advertisement
साल था 1999, जब लखीमपुर खीरी के छोटे से कस्बे की रहने वाली मधुमिता शुक्ला उभरती हुई कवयित्री के रूप में सामने आई। तेजतर्रार युवा लेखिका मधुमिता शुक्ला राजनीतिक दिग्गजों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों को भी उठाती थीं। मधुमिता जल्द ही कई कवि सम्मेलनों के साथ-साथ राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए पसंदीदा बन गई थीं।
शादीशुदा अमरमणि त्रिपाठी को दिल दे बैठी मधुमिता
Advertisement
साल 1999 का नवंबर महीना, खूबसूरत और युवा मधुमिता अमरमणि त्रिपाठी से पहली बार मिली थी। अमरमणि नौतनवा से विधायक थे। सरकार चाहे कल्याण सिंह की हो या फिर राम प्रकाश गुप्ता की, अमरमणि का रुतबा कायम था। लगातार 6 बार विधायक रहे अमरमणि की राजनीतिक विरासत को ऐसे समझा जा सकता है कि वो जेल से चुनाव जीतने वाले नेताओं में से एक थे।
वो विवाहित थे। उनके बच्चे भी थे ये सब जानते हुए मधमिता अमरमणि को दिल दे बैठीं। दोनों में उम्र का भी काफी अंतर था। मधुमिता ने अपनी डायरी में 'बाहुबली' के साथ बढ़ते प्रेम संबंधों के बारे में बात लिखी है।
दो बार गर्भपात, तीसरी बार दबाव; नहीं बनी बात तो गोली मारकर हत्या
लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई को मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मधुमिता के प्रेग्नेंट होने की जानकारी सामने आई। उसके गर्भ में छह महीने का बच्चा पल रहा था। डीएनए जांच में पता चला कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा यूपी के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी का है।
मधुमिता में दो बार गर्भपात करा चुकी थी और इस बार वह ऐसा नहीं चाहती थी। लेकिन अमरमणि की ओर से गर्भपात का दबाव बनाया जा रहा था। मधुमिता को इस बात का भी एहसास हो चुका था कि 'बाहुबली' को अब उसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। इस बात का जिक्र मधुमिता ने अपनी डायरी में किया था। पुलिसिया पड़ताल में भी साबित हुआ था कि कत्ल की जड़ में लव, अवैध संबंध, ब्लैकमेलिंग का तड़का लगा हुआ था।
सीबीआई जांच के बाद अरेस्ट हुए अमरमणि और मधुमणि
2003 में ही ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया था, जिसने सितंबर 2003 यानी मर्डर के कुछ महीने बाद ही अमरमणि त्रिपाठी को अरेस्ट कर लिया था। इस मामले की जांच आगे बढ़ी तो अमरमणि की पत्नी मधुमणि भी घेरे में आई और उन्हें भी अरेस्ट किया गया।
गोरखपुर की जेल में दोनों को लंबे वक्त तक रखा गया और जब 2007 में सजा का ऐलान हुआ तो अमरमणि-मधुमणि समेत दो अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
अमरमणि त्रिपाठी- हर बदलती सत्ता में कायम रखा रसूख
- अमरमणि त्रिपाठी के राजनीतिक करियर की शुरुआत विधायक हरीशंकर तिवारी के साथ हुई थी।
- 2001 में अमरमणि त्रिपाठी भाजपा सरकार में मंत्री थे।
- मुलायम सरकार में सपा के साथ रहे। इसके बाद बसपा के हो गए।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 25 August 2023 at 12:09 IST


