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Published 22:31 IST, September 15th 2024

आदि कैलाश मार्ग पर फंसे 46 लोगों का रेस्क्यू,3 दिन से फंसे थे तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब के तीर्थयात्री

पिछले दिनों जब तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली के तीर्थयात्री आदि कैलाश के दर्शन कर लौट रहे थे तभी स्थानों पर भूस्खलन के चलते यात्रा मार्ग बंद हो गया था।

Reported by: Digital Desk
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Adi Kailash route pilgrims Rescue
Adi Kailash route pilgrims Rescue | Image: Republic

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर पिछले तीन दिन से फंसे तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के तीर्थयात्रियों सहित 46 लोगों को रविवार को हेलीकॉप्टर के जरिये सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि नारायण आश्रम में रुके चार अन्य तीर्थयात्रियों को भी सोमवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाल लिया जाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों जब तमिलनाडु, पंजाब और दिल्ली के तीर्थयात्री आदि कैलाश के दर्शन कर लौट रहे थे तभी शुक्रवार को भारी बारिश के कारण तवाघाट के पास चैतलधार तथा कुछ अन्य स्थानों पर भूस्खलन के चलते यात्रा मार्ग बंद हो गया। इस कारण पंजाब के दस, दिल्ली का एक यात्री खेला में तथा तमिलनाडु के 30 यात्री बूंदी में फंस गए। उत्तराखंड के पांच स्थानीय लोग भी खेला में फंस गए थे।

एक यात्री की मौत

धारचूला के उपजिलाधिकारी मंजीत सिंह ने बताया कि रविवार को खेला और बूंदी से यात्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिये धारचूला हेलीपैड पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि फंसे लोगों में शामिल पंजाब के जालंधर निवासी स्वदेश नंदचहल की स्वास्थ्य बिगड़ने से शनिवार को मौत हो गई थी और उनके शव को रविवार को धारचूला पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि नारायण आश्रम में चार यात्री अभी रुके हुए हैं जिन्हें सोमवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला जाएगा।

भूस्खलन के कारण सड़क पर आया मलबा

स्थानीय प्रशासन के अनुसार चैतलधार में भूस्खलन के कारण काफी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया है और सीमा सड़क संगठन की टीम युद्धस्तर पर उसे हटाने का कार्य कर रही है तथा मार्ग को जल्द खोल दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं इस बचाव अभियान की निगरानी की तथा यात्रियों को सकुशल निकालने के लिए युद्धस्तर पर अभियान के निर्देश दिए।

बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सहस्र सीमा बल, उत्तराखंड पुलिस तथा ‘चिपसम एवियेशन कंपनी’ ने हिस्सा लिया। बचाव अभियान दलों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और देश-विदेश के यात्री सुरक्षित माहौल में यात्रा कर सकें, इसके लिए सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 22:31 IST, September 15th 2024